Jaipur Hotel Couple Video: 5 सितारा होटल के कमरे में पर्दा लगाना भूल गया प्रेमी जोड़ा! बनाने लगा फिजिकल रिलेशन, वीडियो इंटरनेट पर वायरल

Jaipur Hotel Couple Video: जयपुर के पांच सितारा होटल में कपल की प्राइवेट वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गई। जानिए क्या थी घटना, किसकी थी गलती, और कैसे आप अपनी प्राइवेसी की रक्षा कर सकते हैं।

जयपुर होटल कपल वीडियो- फोटो : social media

Jaipur Hotel Couple Video: जयपुर के सिविल लाइंस स्थित एक फाइव स्टार होटल में रुके एक कपल के निजी पलों का वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया। वीडियो में कपल को फिजिकल रिलेशन बनाते हुए देखा गया। यह वीडियो इसलिए वायरल हुआ क्योंकि कमरे की खिड़की पर परदा नहीं था, और सड़क से उनका पूरा दृश्य साफ नजर आ रहा था। कपल शायद इस भ्रम में था कि खिड़की पर लगे शीशे की वजह से अंदर की हरकतें बाहर नहीं दिख रही होंगी। लेकिन सच इसके विपरीत था—बाहर से सब कुछ स्पष्ट दिखाई दे रहा था।

मोबाइल कैमरे से रिकॉर्ड कर लिया

सड़क पर खड़े कुछ लोगों ने जब यह दृश्य देखा तो उन्होंने इसे मोबाइल कैमरे से रिकॉर्ड कर लिया। इसके बाद वही हुआ जो डिजिटल युग में आम हो गया है—वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया गया और वह कुछ ही घंटों में वायरल हो गया।भीड़ जुट गई, ट्रैफिक जाम हुआ। वीडियो कई प्लेटफॉर्म्स पर ट्रेंड करने लगा। कपल की प्राइवेसी पूरी तरह से भंग हो गई। यह घटना एक डिजिटल नैतिकता (Digital Ethics) के पतन की स्पष्ट मिसाल है।

कपल, होटल या वीडियो बनाने वाले किसकी गलती?

इस तरह की घटना में कई पक्ष होते हैं, और हर किसी की भूमिका पर सवाल उठते हैं।

कपल की गलती:निजी पलों में गोपनीयता का ध्यान न रखना।खिड़की पर परदा न लगाना, जबकि वह एक सार्वजनिक सड़क की ओर खुल रही थी।

होटल मैनेजमेंट की जिम्मेदारी: होटल रूम की प्राइवेसी सुनिश्चित करना होटल का कर्तव्य है।ट्रांसपेरेंट ग्लास या बाहर से दिखने वाली खिड़की पर ऑटोमेटिक ब्लाइंड्स या डबल परदे की व्यवस्था होनी चाहिए।

वीडियो बनाने वालों की गैरकानूनी हरकत:किसी की प्राइवेसी में दखल देना और वीडियो बनाना आईटी एक्ट और इंडियन पीनल कोड के तहत दंडनीय अपराध है।वायरल करने वाले व्यक्ति की पहचान होनी चाहिए और कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

Privacy भंग करना कानूनी अपराध

भारत में Right to Privacy एक मौलिक अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में यह स्पष्ट कर दिया था कि निजता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का हिस्सा है। आईटी अधिनियम 2000 और IPC की धारा 354C के अंतर्गत किसी की सहमति के बिना उसका निजी वीडियो रिकॉर्ड करना और फैलाना अपराध की श्रेणी में आता है।अगर कपल शिकायत दर्ज करता है तो वीडियो बनाने वाला व्यक्ति जेल जा सकता है।वायरल करने वालों पर साइबर क्राइम का मुकदमा चल सकता है।