Babri Masjid:बाबरी विध्वंस की बरसी पर मस्जिद की रखी गई नींव, निलंबित TMC विधायक ने सुलगाया सियासी बारूद, भाजपा बोली-ममता वोट बैंक की सियासत में आग से खेल रहीं
Babri Masjid: सियासत का पारा अचानक आसमान छूने लगा जब निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूँ कबीर ने रेजिनगर में बाबरी मस्जिद की तर्ज़ पर मस्जिद की आधारशिला रख दी।
Babri Masjid: समारोह कोई साधारण धार्मिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि कड़ी सुरक्षा, भारी भीड़ और गूंजते नारे नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु अकबर के बीच एक ऐसा तमाशा बना जिसने राज्य की राजनीति में तूफ़ान ला दिया। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद ज़िले में शनिवार की सुबह से जमा हजारों लोगों के सामने कबीर ने मौलवियों के साथ रिबन काटकर नींव रखी, जबकि रेजिनगर, बेलडांगा और आसपास के इलाक़ों में पुलिस, आरएएफ और केंद्रीय बलों की तैनाती से हालात की नज़ाकत खुद-ब-खुद बयां हो रही थी।
टीएमसी ने सांप्रदायिक राजनीति का हवाला देकर कबीर को निलंबित कर दिया है, लेकिन कबीर ने 6 दिसंबर बाबरी विध्वंस की बरसी को ही आधारशिला का दिन चुनकर राज्य प्रशासन और राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी। भाजपा ने इस पूरे घटनाक्रम को “सुनियोजित ध्रुवीकरण” करार देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधा हमला बोला। BJP नेता अमित मालवीय ने एक्स पर आरोप लगाया कि ममता मुसलमान वोट बैंक को साधने के लिए कबीर का इस्तेमाल कर रही हैं और बेलडांगा जैसे संवेदनशील इलाक़े को बारूद के ढेर पर बैठा दिया गया है।
मालवीय ने दावा किया कि कबीर के समर्थकों को ‘बाबरी मस्जिद’ के नाम पर ईंटें ले जाते देखा गया और विधायक ने अपने लोगों के सामने पुलिस समर्थन होने का दावा भी किया। उनका कहना है कि यह पूरा खेल धार्मिक कम, राजनीतिक ज़्यादा है भावनाएँ भड़काने, सियासी ज़मीन मजबूत करने और बंगाल में ध्रुवीकरण की चिंगारी को हवा देने की कोशिश। उन्होंने चेताया कि बेलडांगा में ज़रा सी भी गड़बड़ी हुई तो उसका असर कानून-व्यवस्था ही नहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा तक दिखेगा क्योंकि NH-12 राज्य की जीवनरेखा है।
टीएमसी इन आरोपों को ख़ारिज कर रही है, लेकिन कबीर की यह चाली राजनीति के मैदान में एक नई आग ज़रूर लगा चुकी है जिसकी तपिश आने वाले दिनों में और बढ़ने वाली है।