Bihar Crime News : भोजपुर पुलिस ने अंतर्राज्यीय साइबर ठग गिरोह का किया पर्दाफाश, तीन सदस्यों को किया गिरफ्तार, फर्जी मुहर और एटीएम कार्ड किया बरामद

Bihar Crime News : भोजपुर पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. जहाँ पुलिस ने अंतर्राज्यीय साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस मामले में तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है.....पढ़िए आगे

साइबर गिरोह का पर्दाफाश - फोटो : ASHISH

ARA : भोजपुर जिले की साइबर थाना पुलिस ने अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। साथ ही गैंग से जुड़े तीन सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। तीनों की गिरफ्तारी पटना जिले के दानापुर क्षेत्र से हो सकी। इसकी जानकारी मंगलवार को डीएसपी स्नेह सेतु ने दी। उन्होंने बताया कि आरा टाउन थाना क्षेत्र के भलुहीपुर निवासी सौरभ कुमार, बेगमपुर निवासी  अभय कुमार एवं पटना जिले के शाहपुर थाना के मड़ियापुर गांव निवासी अमन कुमार को गिरफ्तार किया गया है। 

सौरभ कुमार गैंग का मुख्य मास्टर माइंड है। यह गैंग बिहार के अलावा पंजाब के गुरूदासपुर, यूपी के प्रयागराज, ओड़िशा एवं राजस्थान के जयपुर समेत अन्य राज्यों में आँनलाइन ठगी करता था। सभी राज्यों से गैंग के विरुद्ध शिकायत प्राप्त है। यह गैंग पटना जिले के दानापुर के पास ई कामर्स आनलाइन के नाम से किराए पर एक अपार्टमेंट लेकर दफ्तर का संचालन करता था। गैंग के सदस्यों के पास से अलग-अलग बैंकों का आठ फर्जी मुहर, तीन पासबुक, तीन स्कैनर, दो पर्स, सात एटीएम कार्ड, 13 चेकबूक, एक पावर बैंग, एक डीवीआर, एक वाई-फाई राउट एवं पांच मोबाइल जब्त किया गया है। 

डीएसपी के अनुसार 27 फरवरी 2025 को टाउन थाना क्षेत्र के वलीगंज, धरहरा  निवासी सूरज कुमार के खोत से गैंग ने 50 हजार रुपये नकद उड़ा लिया था। जिसे लेकर पीड़ित बैंक उपभोक्ता ने 28 फरवरी को साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके आधार पर साइबर डीएसपी स्नेह सेतू ,दारोगा गांधी पाठक एवं स्वाती रानी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था। टीम ने वैज्ञानिक एवं तकनीकी सूत्र के आधार पर पहले दानापुर क्षेत्र से अमन कुमार एवं फिर अभय कुमार  कुमार को धर दबोचा। 

इसके बाद दोनों की निशानदेही पर मास्टर माइंड सौरभ कुमार को गिरफ्तार किया गया। इधर,साइबर डीएसपी ने बताया कि यह गैंग पैसों का प्रलोभन देकर दूसरे के नाम से खातों का संचालन करता था। करीब दो दर्जन से अधिक संदिग्ध खातों का संचालन अलग-अलग बैंकों किया जा रहा था। शुरूआती जांच में एक करोड़ से अधिक के जमा-निकासी के संकेत मिले है।  गरीबों को चंद रूपयों का लालच  देकर खाता खुलवाते थे और उनके नाम से सिम लेकर यूज करते थे। फर्जी मुहर की मदद से दस्तावेज भी खुद तैयार करते थे। सभी काम फेक कंपनी के  नाम से करते थे। दानापुर के पास किराए पर मकान लेकर वहीं से गैंग को आपरेट करते थे। अभी हर एंगल पर  जांच चल रही है।

आरा से आशीष की रिपोर्ट