Bihar News : औरंगाबाद में 61 घरों पर बुलडोजर चलाने पहुंचे अधिकारी, आक्रोशित ग्रामीणों ने की जमकर रोड़ेबाजी, पुलिस ने चटकाई लाठियां, बैरंग वापस लौटे अधिकारी

Bihar News : औरंगाबाद में हाईकोर्ट के आदेश के बाद अधिकारी अतिक्रमण हटाने पहुंचे, जहाँ ग्रामीण उग्र हो गए और प्रशासन की टीम पर हमला कर दिया.....पढ़िए आगे

Bihar News : औरंगाबाद में 61 घरों पर बुलडोजर चलाने पहुंचे अधिकारी, आक्रोशित ग्रामीणों ने की जमकर रोड़ेबाजी, पुलिस ने चटकाई लाठियां, बैरंग वापस लौटे अधिकारी
अधिकारीयों पर हमला - फोटो : DINANATH MAUAAR

AURANGABAD : जिले के हसपुरा थाना क्षेत्र के पुरहारा गाँव मे हाई कोर्ट के आदेश पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर 61 लोगों के द्वारा घर बना दिया गया था। जिसे अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर अधिकारी कार्रवाई हेतु बुलडोजर लेकर पुरहारा गांव पहुँचे। जहाँ प्रशासन को आने की खबर सुनते ही ग्रामीण उग्र हो गये और गांव के बाहर ही एक पुल पर बैठ गांव में आने जाने वाली रास्ता को जाम कर दिया। वे किसी भी हालत में  हटने को तैयार नही थे। 

बताया जाता है कि पुरहारा गाँव 130 घरों की बस्ती है। जिसमें 61 परिवारों का घर सरकारी जमीन पर बना हुआ था। जिसको लेकर हाईकोर्ट ने सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। जिसके आलोक में हसपुरा सीओ, बीडीओ, थाना प्रभारी सहित सैकडों पुलिस बल तथा पाँच जेसीबी लेकर प्रशासन पुरहारा गाँव पहुँचे। जहाँ ग्रामीणों ने मिडिल स्कूल के पास प्रदर्शन करते हुऐ प्रशासन को रोक दिया और नोक झोंक करने लगे। घंटों विरोध के बाद पुलिस प्रशासन ने जैसे ही सख्ती दिखाने का कोशिश किया। ग्रामीण उग्र हो गए और पथराव करना शुरू कर दिया। फिर क्या था, पुलिस ने भी जमकर लाठी चटकाई।  जिसमे एक किशोर जख्मी हो गया। जिसका नाम आशुतोष कुमार बताया जा रहा है। हालांकि पुलिस की करवाई से  ग्रामीण तीतर - बितर हो गए। उसके बाद अधिकारी जेसीबी लेकर गाँव में घुस गए। पुलिस ने गांव को अपने घेरे में लेने की बहुत कोशिश किया। लेकिन ग्रामीणों के आक्रोश के आगे पुलिस की एक न चल सका। ढाई बजे एक बुलडोजर गांव किनारे बना रतन यादव एवं श्रीकांत यादव का घर के पीछे से तोड़ना आरंभ कर दिया। आधे घंटे की कार्रवाई के बाद पटना उच्च न्यायालय से स्टे आर्डर आने के बाद प्रशासन ने घर तोड़ना बंद कर वापस लौट गई।

वही मामले को लेकर हसपुरा सीओ कौशल्या कुमारी ने बताया की हाई कोर्ट के स्टे आर्डर आने के बाद अतिक्रमण हटाने की कर्रवाई को अगले आदेश तक रोक दिया गया है। आदेश आने के पूर्व ही रत्न यादव और श्रीकान्त यादव का घर तोड़ दिया गया, जिसको लेकर पूरे परिवार सदमें में है और खुले आसमान के नीचे  रहने पर विवश हो गए है। वही कई परिवार  पुलिस दबिश के डर से अपना घर खाली कर अपने रिश्तेदार के घर चले गये हैं। वही दर्जनों परिवार खुद अपना घर का चौखट कवाड उखाड़कर खेत मे शरण लिए हुए हैं। इस मामले को लेकर जिला परिषद सदस्य चंदा परवीन ने बताया कि जब मैंने सीओ  कौशल्या कुमारी से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने हमें धक्का  दे कर हटा दिया। हालाँकि चन्दा प्रवीण ने कहा कि कुछ ग्रामीणों को जमीन का पर्चा भी मिला हुआ है। हम वही सरकारी पर्चा लेकर आए थे और सीईओ मैम को अवगत कराना चाहती थी। लेकिन सीओ ने  मेरी बातों को सुनना भी मुनासिब नहीं समझा और हमें धक्का देकर हटा दिया गया। 

गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने कैमरे के सामने पर्चा दिखाई और कहा की यह हमें अंचल  कार्यालय से मिला था।  इसके बाद ही हम लोग मकान बनाए हैं। लेकिन सीओ कुछ भी सुनने को तैयार नही थी। वही मामले को लेकर जिला परिषद प्रतिनिधि श्याम सुन्दर ने कहा की पुरहारा गांव के पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने को लेकर मैं खुद न्यायालय के शरण में जाऊंगा और सरकार द्वारा मिले पर्चा क़ो जिक्र करते हुए न्याय दिलाने की कोशिश करुँगा। उसने यह भी बताया कि बिहार की पुलिस प्रशासन पूरी तरह से गुंडई पर उतर गया है, जिसको लेकर हम उच्च न्यायालय का दरवाजा खट खटायेगे। क्योंकि प्रशासन के द्वारा एक जाति विशेष को टारगेट किया गया है और ऐसे बईमान अधिकारियों के खिलाफ न्यालय से करवाई का मांग करूँगा।

औरंगाबाद से दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट

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