Bihar News : बिहार में सरकारी अस्पताल के परिसर में परिजन कराने लगे मरीज का झाड़-फूंक, मूकदर्शक बना प्रशासन
AURANGABAD : आज के वैज्ञानिक युग में भी समाज में अंधविश्वास किस कदर हावी है। इसका नजारा औरंगाबाद जिला के सबसे बड़े हॉस्पिटल में देखने को मिला। जिसे देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे। जहां लोगों का इलाज होना चाहिए। वहां आज मरीजों को ओझा गुणी के द्वारा झाड़-फूंक किया जा रहा है। यह मामला सदर हॉस्पिटल औरंगाबाद का है।
इस अस्पताल को जिला के सबसे बड़ा हॉस्पिटल तथा मॉडल हॉस्पिटल का भी दर्जा प्राप्त है,जहां एक मरीज को परिजनों द्वारा इलाज के लिए लाया गया था। लेकिन चिकित्सकों ने उनकी हालत को गंभीर देखते हुए बेहतर इलाज के लिए बाहर रेफर कर दिया। लेकिन परिजनों ने सदर अस्पताल में ही इमरजेंसी वार्ड के बाहर एक तांत्रिक को बुलाकर झाड़ फूंक करना शुरू कर दिया। तांत्रिक अस्पताल परिसर में काफी देर तक झाड़ फूंक करता रहा। लेकिन ना तो वहां के सुरक्षाकर्मी ही कुछ बोल सके और ना ही स्वास्थ्य विभाग के कोई अधिकारी ही बोल सका।
हालाँकि इस तरह के हालात को देख अस्पताल में आए मरीज भी हैरान हो गए। कुछ मरीजो ने कहा कि जिस अस्पताल में इलाज होनी चाहिए। आज वहां झाड़ फूंक हो रहा है। यह कैसी व्यवस्था है, जहां आज भी अंधविश्वास लोगों पर हावी है। यह मामला बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था के ऊपर भी सवालिया निशान खड़ा कर रहा है।
पीड़ित मरीज की पहचान हरिहरगंज गाव के मंसुरिया गाँव निवासी भोला सिंह के रूप में की गई है और तांत्रिक की पहचान सतनारायण साहू के रूप में की गई है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि जब सदर अस्पताल के परिसर में यह सब हो रहा था। तब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी या सुरक्षा कर्मी कहां थे। आखिर घंटों इस तरह अंध विश्वास को बढ़ावा दिया जाता रहा और सारे अधिकारी या कर्मचारी मुकदर्शक बन कर देखते रहे, जो आपने आप में बड़ा सवाल है।
औरंगाबाद से दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट