Banka Mid Day Meal: बांका में मिड-डे मील में छिपकली मिलने से 15 छात्र बीमार! बच्चों की सेहत से हुआ खिलवाड़

Banka Mid Day Meal: बांका जिले के गोरवा मारन स्कूल में मिड डे मील में छिपकली मिलने से 15 छात्र बीमार। शिक्षिका की लापरवाही पर उठा शिक्षा विभाग की निगरानी पर सवाल।

छिपकली वाले खाने से बच्चे बीमार!- फोटो : news4nation

Banka Mid Day Meal: बांका  के मध्य विद्यालय गोरवा मारन में मंगलवार को मिड-डे मील में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। विद्यालय में मध्याह्न भोजन के दौरान परोसे गए चावल में छिपकली गिरने के बावजूद बच्चों को वही खाना परोस दिया गया। इसके बाद करीब 15 छात्र-छात्राओं की तबीयत बिगड़ गई, जिन्हें इलाज के लिए बाँका सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना से स्कूल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

छात्रा ने प्लेट में देखी छिपकली, शिक्षिका ने नजरअंदाज किया

मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार को दोपहर में छात्रों को चावल व सोयाबड़ी का मिड-डे मील परोसा जा रहा था। इसी दौरान कक्षा छह की छात्रा उषा कुमारी की थाली में एक मरी हुई छिपकली देखी गई। छात्रा ने यह बात शिक्षकों को बताई। लेकिन शिक्षिका ने छिपकली को निकालकर फेंक दिया और सभी छात्रों को वही भोजन खाने को कहा। घटना के प्रत्यक्षदर्शी छात्रों ने बताया कि डर के बावजूद अधिकांश छात्रों ने शिक्षकों के कहने पर वही भोजन ग्रहण किया।

घर लौटते ही बिगड़ी तबीयत

भोजन के बाद जब बच्चे घर लौटे तो सिर दर्द, पेट दर्द और उल्टी जैसी समस्याएं दिखने लगीं। शाम होते-होते 15 बच्चों की तबीयत गंभीर हो गई। परिजनों को जब बच्चों से भोजन में छिपकली की बात पता चली, तो उन्होंने तत्काल बच्चों को बाँका सदर अस्पताल में भर्ती कराया।डॉक्टरों की टीम द्वारा इलाज जारी है और सभी छात्र अब खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।

अधिकारी पहुंचे, लेकिन बोलने से बचते रहे

घटना की जानकारी मिलते ही बांका बीडीओ और शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारी स्कूल पहुंचे। सूत्रों के अनुसार, प्रशासनिक स्तर पर पहले मामले को दबाने की कोशिश की गई, लेकिन बच्चों की बिगड़ती तबीयत और परिजनों के आक्रोश ने मामले को गंभीर बना दिया।फिलहाल सदर अस्पताल में शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मौजूद हैं, लेकिन प्रेस के सवालों से बचते नजर आए।

परिजनों का फूटा गुस्सा

बीमार बच्चों के परिजन बेहद आक्रोशित हैं। एक अभिभावक ने कहा,बच्चों के जीवन से खिलवाड़ किया गया है। अगर कोई अनहोनी हो जाती, तो कौन जिम्मेदार होता? ऐसे शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”

क्या बोले चिकित्सक?

सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि बच्चों को फूड प्वाइज़निंग के लक्षणों के साथ भर्ती किया गया है। उन्हें आवश्यक दवाएं दी जा रही हैं।सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं और स्थिति सामान्य है। एहतियातन कुछ को निगरानी में रखा गया है।”

शिक्षा विभाग की चुप्पी

पूरे मामले पर शिक्षा विभाग का अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। यह लापरवाही न सिर्फ बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ है, बल्कि मिड-डे मील जैसी योजनाओं की निगरानी पर भी सवाल खड़ा करती है। अब देखना होगा कि प्रशासन दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध क्या कदम उठाता है।

बांका से चंद्रशेखर कुमार भगत कि रिपोर्ट