Bihar Crime : बगहा में 8 करोड़ का साइबर फ्रॉड: फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों की ठगी का खुलासा, गाजियाबाद और पटना से दो गिरफ्तार

Bihar Crime : बगहा में फर्जी कंपनियों के माध्यम से हेरा-फेरी कर लगभग 8 करोड़ रुपये की ठगी और निकासी का मामला उजागर हुआ है...पढ़िए आगे

8 करोड़ का साइबर फ्रॉड- फोटो : ASHISH

Bettiah : बिहार के बगहा पुलिस जिले में साइबर अपराधियों के एक बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ है। फर्जी कंपनियों के माध्यम से हेरा-फेरी कर लगभग 8 करोड़ रुपये की ठगी और निकासी का मामला उजागर होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। इस मामले में बगहा साइबर थाने की पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और बिहार की राजधानी पटना से दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है।

यह पूरा मामला बगहा शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायी और 'राज माता शोरूम' के संचालक मनोज ड्रोलिया से जुड़ा है। शातिर ठगों ने फर्जी कंपनियां बनाकर और कागजी हेर-फेर के जरिए करोड़ों रुपये की चपत लगाई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए बगहा की प्रभारी एसपी निर्मला कुमारी ने विशेष टीम का गठन किया था। पुलिसिया जांच के तार उत्तर प्रदेश और पटना से जुड़े पाए गए, जिसके बाद छापेमारी कर आरोपियों को दबोचा गया।

गिरफ्तार किए गए साइबर अपराधियों की पहचान वसीम अकरम और शिवम चौहान के रूप में हुई है। पुलिस ने इन्हें गाजियाबाद और पटना से गिरफ्तार किया है। शुरुआती पूछताछ में इन अपराधियों ने ठगी के बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है। पुलिस ने आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद दोनों ठगों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। पुलिस अब इनके अन्य साथियों और ट्रांजेक्शन के रिकॉर्ड्स की गहनता से जांच कर रही है।

प्रभारी एसपी निर्मला कुमारी ने प्रेस रिलीज जारी कर इस पूरे मामले की आधिकारिक जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी अब तकनीकी रूप से काफी एडवांस हो गए हैं और फर्जी कंपनियों का सहारा लेकर कारोबारियों को निशाना बना रहे हैं। पुलिस अब उन खातों और कंपनियों की 'कुंडली' खंगाल रही है, जिनके माध्यम से करोड़ों रुपये का लेन-देन किया गया था। इस मामले में आगे और भी कई बड़े नामों के खुलासे होने की संभावना है।

बगहा पुलिस ने जिले के व्यवसायियों और आम नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है। एसपी ने चेतावनी दी है कि किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ बैंक कागजात, फोन नंबर या ओटीपी (OTP) साझा न करें। साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन ने लोगों को डिजिटल लेनदेन में सावधानी बरतने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत साइबर थाने को देने की सलाह दी है।

आशीष की रिपोर्ट