Bihar News: दो किसानों की जान लेने वाले बाघ का सफल रेस्क्यू , दो हफ्तों की मुहिम के बाद वन विभाग को मिली बड़ी कामयाबी
Bihar News: दो किसानों की जान लेने वाले खूंखार बाघ को आखिरकार दो हफ्तों की लगातार ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग के बाद वन विभाग की टीम ने काबू में कर लिया।
Bihar News: पश्चिम चंपारण से बड़ी खबर सामने आई है। दो किसानों की जान लेने वाले खूंखार बाघ को आखिरकार दो हफ्तों की लगातार ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग के बाद वन विभाग की टीम ने काबू में कर लिया। यह वही 12 वर्षीय नर बाघ है जो वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व के जंगल से निकलकर पिछले कई दिनों से गांव-गांव भटक रहा था और लोगों में दहशत फैला रहा था।
सूत्रों के मुतालिबा, यह बाघ बेहद चालाक साबित हुआ था और लगातार अपना ठिकाना बदलता रहा। पिछले पंद्रह दिनों में उसने दर्जनों गांवों के आसपास मूवमेंट किया, जिससे ग्रामीणों में खौफ का माहौल बना रहा। बाघ अब तक दो किसानों की जान ले चुका था, जिसके बाद वन विभाग ने विशेष टीम गठित कर उसे पकड़ने का अभियान शुरू किया था।
मंगूराहा वन क्षेत्र के सिसई गांव के समीप सोमवार की सुबह वनकर्मियों की टीम ने बड़ी मशक्कत के बाद बाघ को ट्रैंक्विलाइज़ कर सफलतापूर्वक काबू में कर लिया। इसके बाद टीम ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम करते हुए उसे पिंजरे में बंद किया और मेडिकल टीम द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण करवाया।
वन विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस बाघ को अब पटना स्थित संजय गांधी जैविक उद्यान (चिड़ियाघर) भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि उसे सुरक्षित वातावरण में रखा जा सके।
वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व के वन संरक्षक-सह-निदेशक डॉ. नेशामणी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी आधिकारिक पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू अभियान में स्थानीय वनकर्मी, ट्रैंक्विलाइज़ टीम, ड्रोन यूनिट और ट्रैकिंग डॉग स्क्वाड की संयुक्त भागीदारी रही।
डॉ. नेशामणी ने कहा कि यह बाघ पिछले कुछ समय से मानव बस्तियों की ओर रुख कर रहा था। लोगों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता थी, इसलिए उसे सुरक्षित रूप से पकड़ना ज़रूरी था।
बाघ के आतंक से पिछले कई हफ्तों से इलाके में दहशत फैली थी। लोग खेतों में जाने से डरते थे और कई गांवों में रात के वक्त निगरानी दल बनाए गए थे। वन विभाग की यह कार्रवाई ग्रामीणों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है।
रिपोर्ट - आशीष कुमार