GMCH में प्रसूता की मौत पर बवाल: डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप, परिजनों ने काटा गदर; जूनियर के भरोसे चल रहा 'बड़ा अस्पताल'
Bettiah - बिहार विधानसभा और लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन को झोली भरकर सीटें देने वाले पश्चिम चंपारण जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था खुद 'बीमार' है। जिले के सबसे बड़े अस्पताल जीएमसीएच (GMCH) में आज फिर एक प्रसूता की मौत के बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। परिजनों ने डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि डॉक्टर और नर्स मौके से फरार हो गए।
नॉर्मल डिलीवरी के बाद घर भेजा, वापस आए तो तोड़ दिया दम
मृतक की पहचान चनपटिया के टिकुलिया गांव निवासी झुना कुमार की 24 वर्षीय पत्नी पिंकी देवी के रूप में हुई है। परिजनों के अनुसार, वे डिलीवरी के लिए पिंकी को जीएमसीएच लेकर आए थे, जहां नॉर्मल डिलीवरी के बाद डॉक्टरों ने उन्हें घर ले जाने की अनुमति दे दी। घर पहुंचने पर महिला की तबीयत बिगड़ने लगी, जिसके बाद परिजन उन्हें दोबारा अस्पताल लेकर पहुंचे।
बिना ब्लड चढ़ाए किया डिस्चार्ज, लापरवाही का आरोप
परिजनों का आरोप है कि महिला के शरीर में खून की भारी कमी थी, लेकिन डॉक्टरों ने समय रहते न तो इसकी जानकारी दी और न ही खून चढ़ाया। उलटे उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। जब दोबारा मरीज को लाया गया, तो इलाज में देरी और लापरवाही के कारण पिंकी देवी की मौत हो गई। मौत की खबर मिलते ही परिजनों ने बवाल काट दिया। हंगामा बढ़ता देख पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को शांत कराया।
सांसद-विधायक के शहर में 'जूनियर' के भरोसे अस्पताल
यह घटना जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था और जनप्रतिनिधियों पर गंभीर सवाल खड़े करती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह वही जिला है जिसने भाजपा सांसद डॉ. संजय जायसवाल (जो खुद एक चिकित्सक हैं) और विधायक रेणू देवी को चुना है, फिर भी जीएमसीएच की हालत नहीं सुधरी। आरोप है कि यह अस्पताल पूरी तरह से जूनियर डॉक्टरों के भरोसे चल रहा है। यहां पदस्थापित विशेषज्ञ चिकित्सक अपनी ड्यूटी से नदारद रहकर 'प्राइवेट प्रैक्टिस' में व्यस्त रहते हैं, जिसकी निगरानी करने वाला कोई नहीं है। आए दिन यहां लापरवाही के कारण मरीजों की जान जा रही है।
रिपोर्ट: आशीष कुमार, बेतिया