Bhagalpur liquor Smuggling: बिहार में एबुलेंस के बाद टेंपो से ढोई जा रही शराब! मद्य निषेध पुलिस ने गुप्त सूचना पर की कार्रवाई, 112 लीटर दारू किया बरामद
Bhagalpur liquor Smuggling: सबौर से आने वाले एक टेंपो से पुलिस ने 112 लीटर अवैध विदेशी शराब जब्त की। निरीक्षक नितिन कुमार की निगरानी में दो युवक गिरफ्तार हुए। जानिए पूरी खबर।
Bhagalpur liquor Smuggling: बिहार में शराबबंदी लागू हुए आठ साल हो चुके हैं, लेकिन अवैध शराब कारोबार अभी भी विभिन्न रूपों में फलफूल रहा है। राज्य में मध्य निषेध विभाग की टीम लगातार ऐसे कारोबारियों के खिलाफ अभियान चला रही है। इसी क्रम में भागलपुर के सबौर क्षेत्र से आ रही एक टेंपो पर गुप्त सूचना के आधार पर की गई जांच में 112 लीटर विदेशी शराब बरामद की गई है।
गुप्त सूचना के आधार पर निरीक्षक (मध्य निषेध) नितिन कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने सबौर की ओर से आने वाले वाहनों की जांच शुरू की। जांच के दौरान एक संदिग्ध टेंपो को रोका गया, जिसमें सवार दो युवकों से पूछताछ और तलाशी में बड़ी मात्रा में विदेशी शराब मिली।
कई ब्रांड्स के शराब हुए बरामद
मध्य निषेध ने शराब तस्करों के टेंपो से कई विदेशी शराब की बोतले बरामद की। इसमें 72 लीटर इंपीरियल ब्लू व्हिस्की, 33 लीटर रॉयल स्टैग व्हिस्की और 7 लीटर रॉयल गोल्ड कप व्हिस्की थी, जो कुल मिलाकर 112 लीटर था। इस दौरान पुलिस ने दो युवक को गिरफ्तार भी किया। टेंपो वाहन को भी जब्त किया गया। मौके पर विधिवत जप्ती सूची बनाई गई और आरोपियों को मध्य निषेध सदर थाना लाया गया।
प्रशासन की सतर्कता बनाम कारोबारी के हथकंडे
इस कार्रवाई से एक बार फिर स्पष्ट होता है कि अवैध शराब कारोबारी लगातार नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं—वाहनों की आड़, फर्जी दस्तावेज़, ग्रामीण मार्गों का उपयोग इत्यादि।लेकिन प्रशासन भी उतना ही सक्रिय है। निरीक्षक नितिन कुमार की इस त्वरित और सटीक कार्रवाई से यह साबित होता है कि निषेध पुलिस की निगरानी ग्रामीण और अर्द्धशहरी क्षेत्रों में भी सशक्त रूप से जारी है।
सामाजिक असर और महिला गिरफ्तारियों की पृष्ठभूमि
इससे पहले भी निषेध विभाग की कार्रवाई में कई महिलाओं को भी शराब तस्करी के मामलों में गिरफ्तार किया जा चुका है, जिससे यह संकेत मिलता है कि गरीबी, बेरोजगारी और नेटवर्किंग के चलते कई बार लोग मजबूरीवश इस अवैध धंधे में शामिल हो जाते हैं। बिहार में शराब तस्कर दारू की स्मगलिंग के लिए एबुंलेंस तक का इस्तेमाल करते हैं, जिससे पुलिस को ये शक न हो की गाड़ी में मरीज की जगह शराब जा रहा है।
भागलपुर से balmukund kumar कि रिपोर्ट