Bihar news: पर्वत की ऊँचाइयों पर बिहार की बेटी नमिता, यूरोप की सबसे ऊँची चोटी माउंट एल्ब्रस पर फहराया तिरंगा, बना ये नया रिकॉर्ड

बिहार की बेटी नमिता कुमारी ने यूरोप की सबसे ऊँची चोटी माउंट एल्ब्रस (5,642 मीटर) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर भारत का तिरंगा लहराया और पूरे देश का मान बढ़ाया।

पर्वत की ऊँचाइयों पर बिहार की बेटी नमिता- फोटो : social Media

Bihar news: साहस, धैर्य और अटूट संकल्प जब एक साथ मिलते हैं, तब इतिहास रचा जाता है। बिहार के भागलपुर जिले की बेटी नमिता कुमारी ने अपने अदम्य जज़्बे से वही कर दिखाया है। उन्होंने यूरोप की सबसे ऊँची चोटी माउंट एल्ब्रस (5,642 मीटर) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर भारत का तिरंगा लहराया और पूरे देश का मान बढ़ाया।

16 अगस्त की सुबह ठीक 5:20 बजे, जब अधिकांश लोग अभी सपनों की नींद में डूबे थे, उस समय नमिता ने अपने सपनों को वास्तविकता में बदल दिया। रूस की काकेशस पर्वत श्रृंखला में स्थित यह सुप्त ज्वालामुखी दुनिया के सबसे कठिन और जोखिमपूर्ण शिखरों में गिना जाता है। बर्फ़ीली आँधियों और शून्य से भी नीचे तापमान के बीच इस चोटी को फतह करना किसी तपस्या से कम नहीं।

फिलहाल पटना स्थित बिहार ग्रामीण बैंक की करबिगहिया शाखा में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्यरत नमिता ने अपनी सफलता का श्रेय हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट (एचएमआई), दार्जिलिंग से 2022 में लिए गए पर्वतारोहण प्रशिक्षण को दिया। पर्वतारोहण की यह उनकी पहली उपलब्धि नहीं है। इससे पूर्व वे युनम पीक (6,100 मीटर), एवरेस्ट बेस कैंप (5,364 मीटर), अन्नपूर्णा बेस कैंप (4,130 मीटर), फ्रेंडशिप पीक (5,287 मीटर), रेनोक पीक (5,025 मीटर), चादर ट्रेक और केदारकंठा ट्रैक जैसी चुनौतियों को भी जीत चुकी हैं।

नमिता का कहना है कि यह उपलब्धि केवल उनकी व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि उन तमाम बेटियों की प्रेरणा है जो समाज की रुढ़ियों और सीमाओं से संघर्ष करते हुए अपने सपनों को पंख देना चाहती हैं। उनके शब्दों में “जब देश के अन्य राज्यों की महिलाएं पर्वतारोहण जैसे कठिन क्षेत्रों में इतिहास रच सकती हैं, तो बिहार की बेटियाँ क्यों पीछे रहें? ज़रूरत है केवल सही मार्गदर्शन और सहयोग की। अगर सरकार और समाज से सहारा मिले, तो बिहार की महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना सकती हैं।”

उनकी यह यात्रा सिर्फ़ पर्वतारोहण की दास्तान नहीं, बल्कि उस सोच को चुनौती है जो महिलाओं के सपनों पर सीमाओं की दीवार खड़ी करती है। नमिता ने यह साबित कर दिया कि इच्छाशक्ति के सामने कोई भी पर्वत बड़ा नहीं होता।

भागलपुर की इस बेटी ने जिस तरह बर्फ़ से ढकी ऊँचाइयों पर तिरंगा फहराया, वह न केवल बिहार बल्कि पूरे भारत के लिए गौरव का क्षण है। नमिता की कामयाबी ने यह संदेश दिया है कि साहस, अनुशासन और अटूट विश्वास से हर मुश्किल शिखर पिघल सकता है।