RRB JE success story: अभिषेक कुमार की प्रेरक कहानी! पिता की बीमारी से जूझते हुए भी पहले प्रयास में RRB JE परीक्षा पास की

RRB JE success story: बक्सर के किराना दुकानदार के बेटे अभिषेक कुमार ने मुश्किल हालातों के बावजूद पहले ही प्रयास में RRB JE परीक्षा पास की। MIT मुजफ्फरपुर के छात्र की यह कहानी संघर्ष और सफलता की मिसाल है।

बक्सर के बेटे की बड़ी उपलब्धि- फोटो : social media

RRB JE success story: बक्सर जिले के एक छोटे से कस्बे में रहने वाले किराना दुकानदार के बेटे अभिषेक कुमार ने यह दिखा दिया कि मुश्किल हालात भी हिम्मत और मेहनत के आगे टिक नहीं सकते। मुजफ्फरपुर के एमआईटी कॉलेज के छात्र अभिषेक ने अपने पहले ही प्रयास में रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) की जूनियर इंजीनियर (JE) परीक्षा पास कर ली है।

पिता की बीमारी और टूटते हालात

अभिषेक याद करते हैं कि कोविड-19 के दौर में उनका परिवार बहुत कठिन समय से गुज़रा। उनके पिता जय प्रकाश जायसवाल, जो बक्सर में एक छोटी किराना दुकान चलाते थे, गंभीर रूप से बीमार पड़ गए। उस समय घर में आय का कोई स्थायी स्रोत नहीं था और इलाज का खर्च भी बढ़ता जा रहा था। अभिषेक बताते हैं कि जब लोग घर आने से भी डरने लगे, तब उन्होंने सोचा कि अब शायद पढ़ाई छूट जाएगी। लेकिन इसी निराशा के बीच उन्होंने ठान लिया कि हालात चाहे जैसे भी हों, वे हार नहीं मानेंगे।

इंजीनियर बनने की प्रेरणा और पढ़ाई का सफर

इंजीनियर बनने का सपना अभिषेक के मन में तब जगा जब वे दसवीं कक्षा में थे। पड़ोस के एक इंजीनियर को देखकर उन्होंने निश्चय किया कि एक दिन वे भी उसी मुकाम पर पहुँचेंगे। बारहवीं में फिजिक्स का इलेक्ट्रोस्टैटिक्स चैप्टर पढ़ते समय उन्हें इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में गहरी रुचि हुई। इसके बाद उन्होंने JEE Mains पास किया और वर्ष 2020 में MIT मुजफ्फरपुर में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग शाखा में दाखिला लिया।

असफलता जिसने रास्ता दिखाया

कॉलेज में रहते हुए अभिषेक ने GATE परीक्षा की तैयारी शुरू की, लेकिन पहली बार में सफलता नहीं मिली। हालांकि, उन्होंने इसे अपनी असफलता नहीं बल्कि एक सीख के रूप में लिया। उन्होंने फैसला किया कि अब वे RRB JE परीक्षा पर ध्यान देंगे। इस बार उन्होंने पूरी निष्ठा और अनुशासन के साथ पढ़ाई की और पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्त कर ली।

नई शुरुआत और गर्व का पल

अभिषेक अब मुंबई के सीएसएमटी (CSMT) स्टेशन पर जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्त होंगे। यह न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे जिले के लिए गर्व की बात है। वे कहते हैं कि यह सफर आसान नहीं था, लेकिन माता-पिता और शिक्षकों के सहयोग ने उन्हें हर कठिन मोड़ पर मजबूत बनाए रखा।एमआईटी के प्राचार्य डॉ. एम.के. झा और विभागाध्यक्ष डॉ. वाई.एन. शर्मा का कहना है कि अभिषेक हमेशा से मेहनती और अनुशासित छात्र रहे हैं। उनकी उपलब्धि अन्य छात्रों के लिए एक प्रेरक उदाहरण है।