Bihar Vidhansabha Chunav 2025 : बिहार में ‘कसमसा’ रही है कांग्रेस, 22 फ़रवरी को बक्सर से होगा चुनावी शंखनाद, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष करेंगे शिरकत

Bihar Vidhansabha Chunav 2025 : बिहार में ‘कसमसा’ रही है कांग्रेस, 22 फ़रवरी को बक्सर से होगा चुनावी शंखनाद, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष करेंगे शिरकत

BUXAR : आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस ने भी अपनी सियासी जमीन मजबूत करने के लिए बक्सर में 22 फरवरी को चुनावी शंखनाद करने की घोषणा की है। इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बक्सर पहुंचकर कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। हालांकि, इस बड़े आयोजन की तैयारियों के बीच जिला कांग्रेस कार्यालय में हुई बैठक में जमकर हंगामा हुआ। पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच तीखी बहस और विवाद देखने को मिला। लेकिन जैसे ही मीडिया के कैमरे इस हंगामे पर पड़े, मामला तुरंत शांत हो गया। यह साफ संकेत देता है कि कांग्रेस के अंदर गुटबाजी अपने चरम पर है।

कार्यक्रम की खास बातें

कांग्रेस इस आयोजन के जरिए दलित और पिछड़े वर्ग को लुभाने की कोशिश कर रही है। यही वजह है कि इस कार्यक्रम को "जय भीम, जय बापू, जय संविधान" नाम दिया गया है। लेकिन बैठक के दौरान पार्टी के दलित विधायक विश्वनाथ राम की कुर्सी को किनारे लगाने की घटना पर सवाल उठने लगे हैं। इससे कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति भी उजागर हो गई है।

गुटबाजी से जूझ रही कांग्रेस

बिहार में कांग्रेस की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता कई गुटों में बंट चुके हैं। हाल ही में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे केके तिवारी के पुत्र तथागत हर्षवर्धन ने कांग्रेस छोड़कर प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज का दामन थाम लिया। इसके बाद कई अन्य नेता भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं। ऐसे में पार्टी के भीतर अंतर्कलह और असंतोष खुलकर सामने आ रहा है।

नेताओं की सफाई

बैठक के दौरान हुए हंगामे पर सफाई देते हुए कांग्रेस मजदूर यूनियन के नेता चंद्र प्रकाश ने कहा, "घर के अंदर परिवार में ऐसी बातें होती रहती हैं। बोलने की आज़ादी है, इसलिए कांग्रेस को लोकतांत्रिक पार्टी कहा जाता है।" वहीं, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडे ने कहा कि "बक्सर वह पहला जिला है जहां कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष आ रहे हैं। यह एक ऐतिहासिक और अद्भुत कार्यक्रम होगा। इसी मंच से बिहार में सरकार बदलने का शंखनाद किया जाएगा।"

क्या कांग्रेस को मिलेगा फायदा?

बिहार की राजनीति में कांग्रेस लंबे समय से हाशिए पर रही है। ऐसे में बक्सर से शुरू हो रहा यह चुनावी अभियान पार्टी के लिए कितना फायदेमंद होगा, यह देखने वाली बात होगी। क्या मल्लिकार्जुन खड़गे की रैली कांग्रेस को एक नई ऊर्जा दे पाएगी, या फिर गुटबाजी पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बनी रहेगी? इसका जवाब 22 फरवरी को मिलने की उम्मीद है।

बक्सर से संदीप की रिपोर्ट

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