SONPUR MELA 2024 - सोनपुर मेले में महिला IAS ने अपने नृत्य से बांधा समां, पति एस. सिद्धार्थ और मंत्री रेणु देवी सहित हजारों लोगों ने की तारीफ

SONPUR MELA 2024 - सोनपुर मेले में आज पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ.एन.विजयलक्ष्मी ने भरतनाट्टयम की प्रस्तुति। इस दौरान उनकी प्रस्तुति देखने के लिए उनके पति व शिक्षा विभाग के एसीएस डॉ एस. सिद्धार्थ व मंत्री रेणु देवी भी मौजूद रहे।

SONPUR MELA 2024 - सोनपुर मेले में महिला IAS ने अपने नृत्य से बांधा समां, पति एस. सिद्धार्थ और मंत्री रेणु देवी सहित हजारों लोगों ने की तारीफ
सोनपुर मेले में आईएस ने दी प्रस्तुति।- फोटो : रिषभ कुमार

SONPUR MELA 2024 - सोनपुर मेले में मंच से हर दिन कलाकारों द्वारा नई नई प्रस्तुति दी जा रही है. जहां कल मैथिली ठाकुर ने अपने लोकगीतों से मेला को नई ऊर्जा प्रदान की थी। वहीं आज बिहार की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ.एन. विजयलक्ष्मी अपनी प्रस्तुति सोनपुर मेला के मंच पर प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। उनकी प्रस्तुति देखने के लिए उनके पति  एसीएस डॉ एस. सिद्धार्थ  सोनपुर मेला पहुंचे थे। जहां पर कला एवं संस्कृति विभाग के मंच पर डॉ.एन. विजयलक्ष्मी ने प्रस्तुत किया तो बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने उनकी जमकर तारीफ की। 

बिहार में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहीं हैं IAS अधिकारी विजयलक्ष्मी ने दो गानों पर धमाकेदार नृत्य का प्रस्तुत कर दर्शकों की जमकर तालियां बटोरी। 

24 साल पहले सारण की डीएम रहीं विजयालक्ष्मी

 बता दें कि IAS अधिकारी विजयलक्ष्मी का संगीत से बेहद लगाव है। जब बिहार झारखंड की बंटवारा हुआ तो विजय लक्ष्मी काली सारण जिला के जिला अधिकारी के रूप में तैनात की गई थी। विजय लक्ष्मी ने बताया कि आज से 24 साल पहले 2000 में विजयलक्ष्मी सारण का जिला अधिकारी बनाया गया था और सोनपुर मेला के समय जिलाधिकारी के लिए बनाए गए कैंप में ही पहुंचकर विजय लक्ष्मी ने जिलाधिकारी का चार्ज लिया था।

आंध्र प्रदेश के होने के कारण शास्त्रीय संगीत से है लगाव

1995 बैच बिहार कैडर की आईएएस अधिकारी एन.विजय लक्ष्मी मूल रूप से आंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं। डॉ. लक्ष्मी को बचपन से ही शास्त्रीय संगीत और नृत्य से प्यार था। अपने पिता की नौकरी के कारण जिसके कारण परिवार को अक्सर बाहर जाना पड़ता था, वह शास्त्रीय नृत्य ठीक से नहीं सीख पाईं। 

आईएएस बनने के बाद सीखा भरतनाट्ययम

2008 में बिहार लौटने के बाद उन्होंने तय किया कि मैं किसी भी कीमत पर भरतनाट्यम सीखूंगी। इसके बाद पटना के भारतीय नृत्य कला मंदिर में दाखिला लिया था उस समय इनकी उम्र 40 साल थी। उन्होंने करीब एक साल तक नृत्य सीखा और राजगीर महोत्सव में प्रस्तुति दी। अब वह किसी भी अवसर पर प्रदर्शन करने का मौका नहीं छोड़ती। 

हालाँकि उसके लिए अभी भी समय निकालना मुश्किल है,इसमें इनके पति जो बिहार के वरिष्ठतम IAS अधिकारी और शिक्षा विभाग के एसीएस डॉ एस. सिद्धार्थ  हैं का भरपुर सहयोग मिलता है। डॉ एस.सिद्धार्थ भी दक्षिण भारत तमिलनाडु के रहने वाले हैं।

REPORT - RISHAV KUMAR


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