Chapra Anti-Encroachment Drive: छपरा में अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, हरिमोहन गली में अवैध निर्माण ध्वस्त! प्रशासन की सख्त कार्रवाई जारी

Chapra Anti-Encroachment Drive: छपरा नगर निगम ने हरिमोहन गली में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया। बुलडोजर से अवैध सीढ़ियां, रैम्प व चबूतरे तोड़े गए। पुलिस बल की मौजूदगी में चला अभियान, अन्य जगहों पर भी कार्रवाई जारी रहेगी।

छपरा अतिक्रमण अभियान- फोटो : social media

Chapra Anti-Encroachment Drive: छपरा नगर निगम ने शहर को अतिक्रमण से मुक्त करने के अपने लगातार चल रहे अभियान को सोमवार को फिर तेज़ कर दिया। रविवार की छुट्टी के अगले ही दिन निगम की टीम हरिमोहन गली में पहुंची और सुबह-सुबह कई जगहों पर कार्रवाई शुरू कर दी। गली में बुलडोज़र की आवाज़ सुनते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और पूरा इलाका कुछ देर के लिए आंदोलन-सा बन गया।

सड़क और नाले पर बने कंक्रीट ढांचे ढहाए गए

हरिमोहन गली में वर्षों से सड़क किनारे बने कई अवैध निर्माण प्रशासन की नजर में थे। इन्हीं ढांचों को सोमवार को गिराया गया। कई जगहों पर सीढ़ियां और पक्के चबूतरे सड़क पर फैल चुके थे, जिससे आवाजाही लगभग असंभव हो गई थी। नाले पर बने पक्के प्लेटफॉर्म और दीवारें भी कार्रवाई के दौरान जमींदोज़ कर दी गईं। कुछ निर्माण इतने मजबूत थे कि भारी मशीनों को भी उन्हें तोड़ने में समय लग गया।

लोगों को राहत, क्योंकि रास्ते फिर खुले

स्थानीय निवासियों ने बताया कि गली में पैदल चलना मुश्किल हो गया था। जगह-जगह अतिक्रमण के कारण गाड़ियों का निकलना तो दूर, नाले की सफाई तक नहीं हो पा रही थी। बरसात में जलभराव आम बात थी। अब सफाई और निकासी का रास्ता खुलने की उम्मीद से लोग राहत महसूस कर रहे हैं।

पुलिस तैनात, प्रशासन का अभियान निर्बाध

नगर निगम प्रबंधक वेद प्रकाश वर्णवाल की निगरानी में यह पूरा अभियान चला। सुरक्षा के लिए पुलिस बल भी मौके पर मौजूद था, ताकि किसी भी तरह की बाधा न उत्पन्न हो। पहले से मार्किंग किए गए निर्माणों को उसी क्रम में ध्वस्त किया गया, जिससे भ्रम या विवाद की कोई स्थिति पैदा न हो।

कार्रवाई के दौरान टूटे पाइप, फिर भी रुकावट नहीं

नाले पर बने मजबूत अवैध ढांचे हटाते समय कई जगह पानी की पाइपलाइन और नल टूट गए। हालांकि अधिकारियों ने साफ कर दिया कि इनकी मरम्मत बाद में हो जाएगी, लेकिन अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया किसी भी हालत में नहीं रोकी जाएगी। निगम का मानना है कि अगर कार्रवाई बीच में रोकी गई तो फिर वही समस्याएं और विरोध सामने आने लगेंगे।

कई ने सवाल उठाए, पर प्रशासन का रुख कड़ा

कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों ने असंतोष भी जताया, लेकिन नगर निगम ने यह स्पष्ट कर दिया कि बिना अनुमति शहर की जमीन पर कब्ज़ा स्वीकार नहीं किया जा सकता। अधिकारियों का कहना है कि यदि जनहित के लिए सड़कों और नालों को खाली नहीं किया गया तो शहर की व्यवस्था कभी ठीक नहीं होगी।