Bihar Crime News : युवक का प्राइवेट पार्ट काटने की महिला कर्मी को मिली सजा, कोर्ट ने 5 साल की जेल के साथ पांच हज़ार रूपये का लगाया जुर्माना
Bihar Crime News : छपरा कोर्ट ने युवक का प्राइवेट पार्ट काटने के मामले महिला कर्मी को सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी को 5 साल के जेल और पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाया है......पढ़िए आगे
CHAPRA : प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनीत कुमार गर्ग की अदालत ने एक सनसनीखेज मामले में फैसला सुनाते हुए एल.बी. आरोग्य स्वास्थ्य निकेतन, मढ़ौरा की महिला स्वास्थ्य कर्मचारी अभिलाषा कुमारी को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने उन्हें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत 5 साल का सश्रम कारावास और जुर्माने की सज़ा सुनाई है।
पूरा मामला और न्यायालय का फैसला
न्यायालय ने महिला स्वास्थ्यकर्मी अभिलाषा कुमारी को धारा 118(2) BNS (गंभीर चोट पहुँचाना) के तहत 5 साल का सश्रम कारावास और पाँच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। जुर्माना न भरने पर उन्हें अतिरिक्त छह माह की सज़ा काटनी होगी। इसके अतिरिक्त, धारा 126(2) BNS (चोरी) के तहत उन्हें एक माह की सज़ा और एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना अदा न करने पर 15 दिन की अतिरिक्त सज़ा होगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दोनों सज़ाएँ साथ-साथ चलेंगी।
पीड़ित ने दर्ज कराया था सनसनीखेज बयान
यह मामला मढ़ौरा थाना कांड संख्या 364/24 (सत्रवाद संख्या 903/24) से संबंधित है। मढ़ौरा निवासी वेद प्रकाश उर्फ विकास सिंह ने 2 जुलाई 2024 को जख्मी हालत में अपना बयान दर्ज कराया था। पीड़ित ने बताया था कि 1 जुलाई 2024 को सुबह करीब 10:30 बजे जब वह बाजार जा रहा था, तो एल.बी. आरोग्य स्वास्थ्य निकेतन हॉस्पिटल मढ़ौरा के पास उसे चक्कर और उल्टी जैसा महसूस हुआ। पीड़ित ने तुरंत अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद महिला कर्मचारी अभिलाषा कुमारी को अपनी तबीयत बिगड़ने की जानकारी दी। महिला कर्मचारी ने उसे बेड पर सोने के लिए कहा और एक सुई लगा दी, जिसके बाद उसे कुछ याद नहीं रहा। होश आने पर उसने खुद को छपरा सदर अस्पताल में भर्ती पाया और परिजनों से पता चला कि महिला स्वास्थ्य कर्मचारी ने उसका प्राइवेट पार्ट (लिंग) काट दिया है। साथ ही, उसके गले का सोने का चैन और मोबाइल भी ले लिया गया था। छपरा सदर अस्पताल से उसे बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया था।
अभियोजन पक्ष ने प्रस्तुत किए 13 गवाह
इस गंभीर मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक सर्वजीत ओझा और उनके सहायक अधिवक्ता सुभाष चंद्र दास ने पैरवी की। न्यायालय में डॉक्टर और अनुसंधान कर्ता सहित तेरह गवाहों की गवाही कराई गई। पुलिस द्वारा 2 अगस्त 2024 को ही न्यायालय में अंतिम प्रपत्र (चार्जशीट) समर्पित कर दिया गया था, जिसके बाद यह सत्रवाद न्यायालय में चला और अभिलाषा कुमारी को उनकी क्रूर हरकत के लिए सज़ा सुनाई गई।
छपरा से शशि की रिपोर्ट