BIHAR NEWS - पंचायत भवन निर्माण विवाद को लेकर जांच के लिए पहुंचे एसडीओ और ठेकेदार पर ग्रामीणों ने किया जानलेवा हमला, पुलिस कर रही जांच

BIHAR NEWS - पंचायत सरकार भवन निर्माण को लेकर हुए विवाद को निपटाने पहुंचे एसडीओ और ठेकेदार पर आक्रोशित ग्रामीणों ने जानलेवा हमला कर दिया। हमला करनेवालों में पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल थी। मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

 BIHAR NEWS - पंचायत भवन निर्माण विवाद को लेकर जांच के लिए पहुंचे एसडीओ और ठेकेदार पर ग्रामीणों ने किया जानलेवा हमला, पुलिस कर रही जांच
ए़सडीओ पर हुआ जानलेवा हमला। - फोटो : वरुण ठाकुर

DARBHANGA - पंचायत सरकार भवन के निर्माण कार्य को लेकर शनिवार को बड़ा विवाद खड़ा हो गया. निर्माण स्थल पर पहुंचे पीडब्ल्यूडी भवन निर्माण विभाग के एसडीओ और संवेदक पर स्थानीय ग्रामीणों ने जानलेवा हमला कर दिया. घटना स्थल पर धारदार हथियार और लाठी-डंडों से लैस ग्रामीणों ने न केवल निर्माण कार्य को बाधित किया बल्कि रातों-रात नौ फीट मिट्टी काटकर लाखों का नुकसान भी पहुंचाया .

घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन ग्रामीण महिलाओं के विरोध और झड़प के कारण स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई. पुलिस और महिलाओं के बीच हुई झड़प ने इस घटना को और गंभीर बना दिया. भवन निर्माण के लिए संबंधित सरकारी जमीन का पहले से ही मापी कराकर केवटी सीओ द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है . इसके बावजूद, स्थानीय ग्रामीण निर्माण कार्य में अड़चनें डालने का प्रयास कर रहे हैं . 

लेबर और मिस्त्री को मिली धमकी

भवन निर्माण विभाग के एई संजीव पांडेय ने बताया कि शुक्रवार को निर्माण कार्य के लिए लेबर और मिस्त्री को साइट पर भेजा गया था. लेकिन कुछ ग्रामीण वहां आकर हथियारों के साथ उन्हें डराने-धमकाने लगे. 

रातों रात काट दी मिट्टी

उन्होंने बताया कि जब वे लोग पहली बार स्थल पर पहुंचे तो तीन फीट मिट्टी पहले ही कटी हुई थी . लेकिन शनिवार को स्थल पर पहुंचने पर देखा कि रातों-रात नौ फीट मिट्टी काटकर चोरी कर ली गई . इस चोरी से न केवल निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है बल्कि आर्थिक रूप से भी विभाग को बड़ा नुकसान हुआ है .

इस पूरे प्रकरण में संवेदक मनीष कुमार ने स्थानीय थाना में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है. हालांकि घटनास्थल पर ग्रामीणों के आक्रोश और विरोध के कारण निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हो सका है. 

ग्रामीणों के इस विरोध और हमले के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं है. हालांकि यह स्पष्ट है कि सरकारी भूमि पर भवन निर्माण के दौरान इस तरह की घटनाएं न केवल विकास कार्यों में बाधा डालती है बल्कि प्रशासन और स्थानीय निवासियों के बीच अविश्वास को भी बढ़ावा देती हैं।

सरकारी विकास परियोजनाओं में ऐसी घटनाएं गंभीर चिंता का विषय है . पुलिस और प्रशासन को ऐसे मामलों में शीघ्र और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह के विवादों को रोका जा सके .

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