Fake Jamabandi and Mutation: CO ने लिए साढ़े 3 करोड़ रूपए घुस,जमीन का फर्जी दस्तावेज बनवाया,दलाल से बिकवाया 85 करोड़ से ऊपर की जमीन....
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़े भूमि घोटाले का पर्दाफाश किया है। इस घोटाले में करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन की फर्जी बिक्री शामिल थी।
Fake Jamabandi and Mutation: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक बड़े भूमि घोटाले का पर्दाफाश किया है.रांची में जमीन माफिया कमलेश ने एक सुनियोजित साजिश के तहत 2020 से 2024 के बीच 85.53 करोड़ रुपये की जमीन बेचकर एक बड़ा घोटाला किया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में यह खुलासा हुआ है.
ईडी के अनुसार, कमलेश और उसके साथियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बड़ी संख्या में जमीनों की खरीद-बिक्री की. उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कर कई जमीनों की नीलामी के कागजात भी फर्जी तरीके से तैयार किए.
घोटाले का तरीका
कमलेश ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर परसू साहू, महावीर साहू और दुखन साहू के नाम पर फर्जी नीलामी पेपर तैयार किए और इन जमीनों को बेचकर करोड़ों रुपये कमाए. इनमें से कुछ जमीनों की बिक्री कानूनी रूप से संभव नहीं थी.
अधिकारी भी शामिल
ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि कई पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी इस घोटाले में शामिल थे. कांके के तत्कालीन सीओ दिवाकर प्रसाद द्विवेदी ने स्वीकार किया है कि उन्होंने कमलेश को 43 एकड़ जमीन पर कब्जा करने में मदद की थी और इसके बदले में करोड़ों रुपये लिए थे.
बैंक खातों में करोड़ों रुपये
ईडी ने कमलेश के सहयोगी अरविंद कुमार साहू के नाम पर एक बैंक खाता भी खोजा है, जिसमें इस घोटाले से प्राप्त करोड़ों रुपये जमा किए गए थे.
कई गिरफ्तार
कमलेश को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और उसके साथ-साथ धनबाद के डीटीओ दिवाकर प्रसाद द्विवेदी, कांके के सीओ जयकुमार राम, और जमीन दलाल अमरेंद्र कुमार दुबे, अरविंद कुमार साहू तथा रेखा देवी के खिलाफ भी चार्जशीट दायर की गई है.
ईडी की कार्रवाई
ईडी ने इस मामले में अदालत में सबूत पेश किए हैं और दावा किया है कि इस घोटाले में अधिकारियों और दलालों का एक बड़ा सिंडिकेट शामिल था.