Brijnath Singh murder case: बृजनाथी सिंह हत्याकांड में शामिल 3 आरोपियों को आजीवन कारावास, 2016 में एके 47 से हुई थी हत्या
Brijnath Singh murder case: बृजनाथी सिंह के आरोपियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बृजनाथ सिंह की हत्या 5 फरवरी 2016 में की गई थी। हत्या के बाद बिहार की राजनीति में हड़कंप मच गया था। तब वे लोजपा के सदस्य थे।
Bihar News: चर्चित बृजनाथी सिंह हत्याकांड में पटना सिटी व्यवहार न्यायालय के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सदन लाल प्रियदर्शी ने तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने प्रत्येक अभियुक्त पर दस-दस हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। मामले के अभियुक्त सुबोध राय, राणा रणविजय सिंह और मुन्ना सिंह हैं, जो कच्ची दरगाह पटना सिटी के निवासी हैं। कोर्ट ने इन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
तीन आरोपित साक्ष्य के अभाव में बरी
अदालत ने इस मामले में तीन आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। घटना 5 फरवरी 2016 की है, जब अभियुक्तों ने बृजनाथी सिंह को पीपा पुल के पास गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी थी। उस समय बृजनाथी अपनी पत्नी और अन्य परिवार के सदस्यों के साथ स्कार्पियो गाड़ी में पटना जा रहे थे। अभियुक्तों ने गाड़ी को घेरकर गोलीबारी की थी। मृतक की पत्नी, विरा देवी ने फतुहा थाना में मामला दर्ज कराया था और अभियोजन पक्ष की ओर से 17 गवाहों ने गवाही दी थी।
एके 47 से की गई हत्या
नौ साल पहले 5 फरवरी 2016 को बृजनाथी सिंह की हत्या एके 47 राइफल से की गई थी। वह राघोपुर से पटना अपने परिवार के साथ लौट रहे थे, तभी कच्ची दरगाह के पास अपराधियों ने उन्हें घेरकर गोलियों से छलनी कर दिया था। इस हमले में बृजनाथी की मौत हो गई, जबकि उनके छोटे भाई की पत्नी और भतीजा घायल हो गए थे।
राजनीतिक साजिश का आरोप
बृजनाथी सिंह की हत्या के बाद राजधानी पटना में राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया था। उनकी पत्नी, वीणा देवी ने 25 साल पहले राबड़ी देवी के खिलाफ चुनाव लड़ा था और उनके बेटे, राकेश रंजन ने एक साल पहले तेजस्वी यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा था। घटना को राजनीतिक साजिश करार देते हुए समर्थकों ने बवाल मचाया था।
हत्याकांड के बाद की कार्रवाई
हत्याकांड के बाद पुलिस की एसटीएफ टीम ने मामले में आरोपित सुबोध राय को कच्ची दरगाह से गिरफ्तार किया था। पहले पुलिस ने इस मामले के पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया था। विभिन्न स्थानों से छह शूटरों को भी गिरफ्तार किया गया था। यह हत्या राघोपुर के रामजी सिंह हत्याकांड से जुड़ी हुई थी, जिसमें बृजनाथी सिंह सजायाफ्ता थे।