CRIME IN MUZAFFARPUR: बिहार में दारोगा का गंदा खेल,करतूत किया ऐसा कि बदमाशों को मिली बेल,ड्राइवर को थाने से ही जानबूझकर भगाया...
दवा लोड पिकअप लूट के मामले में जेल में बंद दो आरोपियों को दारोगा की लापरवाही के कारण जमानत मिल गई है। जांच अधिकारी दारोगा मंजर अहमद खान ने 60 दिनों की निर्धारित समय सीमा के भीतर चार्जशीट अदालत में पेश नहीं की।
CRIME IN MUZAFFARPUR: दवा लोड पिकअप लूट के मामले में जेल में बंद दो आरोपियों, सरैया थाना क्षेत्र के बहिलवारा गोविंद निवासी अरुण सहनी और कांटी के मधुबन निवासी प्रिंस कुमार, को दारोगा की लापरवाही के कारण जमानत मिल गई है। यह जमानत इसलिए मिली क्योंकि तुर्की थाने के जांच अधिकारी दारोगा मंजर अहमद खान ने 60 दिनों की निर्धारित समय सीमा के भीतर चार्जशीट अदालत में पेश नहीं की। 7 जुलाई 2024 को मुजफ्फरपुर-हाजीपुर फोरलेन पर तुर्की में चार लुटेरों ने चालक को बंधक बनाकर दवा लोड पिकअप लूट ली थी। इस घटना के संबंध में गोपालगंज के कटैया थाना के वेलवा निवासी चालक नीतेश दुबे ने 8 लूटपाट के शिकार चालक को थाने से भगा दिया था।
हाईवे पर लूटपाट की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लूट की घटना के बाद चालक नीतेश 7 जुलाई को तुकीं थाने पहुंचे। लेकिन, पुलिस ने घटना को गंभीरता से लेने के बजाय चालक को थाने से भगा दिया और घटनास्थल गोरौल में जाकर शिकायत करने की सलाह दी। दवा एजेंसी के प्रबंधक राजेश कुमार सिंह का कहना है कि यदि पुलिस चालक की शिकायत को गंभीरता से लेती, तो 6 लाख रुपए की दवा बरामद की जा सकती थी और चारों लुटेरे भी पकड़े जा सकते थे। चालक ने जुलाई में तुर्की थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर के बाद पुलिस की तकनीकी टीम ने मोबाइल टावर लोकेशन और अन्य तकनीकी सबूतों के आधार पर 29 अक्टूबर को अरुण सहनी और प्रिंस कुमार को गिरफ्तार किया, जिन्हें अगले दिन जेल भेज दिया गया। वहीं, लूट में शामिल अन्य दो अपराधी मुकेश कुमार और अरविंद सहनी अब तक फरार हैं।
मामले के जांच अधिकारी मंजर अहमद खान ने जानकारी दी कि इस मामले में चार्जशीट 60 दिनों के भीतर प्रस्तुत करनी है। इस विषय में मुझे पूर्व में कोई जानकारी नहीं थी। मैं 90 दिनों का इंतजार कर रहा था। दोनों आरोपियों को धारा 167-2 के तहत जमानत मिली है। उन्हें 29 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। चार्जशीट 30 दिसंबर तक प्रस्तुत की जानी चाहिए थी। इसी बीच, जांच अधिकारी द्वारा समय पर चार्जशीट न दाखिल करने के मामले में सहायक अभियोजन अधिकारी विशाखा रंजन ने जिला अभियोजन कार्यालय को एक रिपोर्ट भेजी है।