बिहार में नहीं चलेगा बुलडोजर राज : भाकपा–माले उजाड़ने से पहले भूमिहीनों को पर्चा और पक्का मकान देने की मांग
Gayaji - भाकपा–माले द्वारा पूरे बिहार में मनाए जा रहे राज्यव्यापी विरोध दिवस के तहत गया शहर में बुधवार को बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ जोरदार विरोध मार्च निकाला गया। प्रदर्शन का मुख्य नारा था— “बुलडोजर नहीं, जमीन का पर्चा दो; रोज़ी-रोटी की सुरक्षा दो।” विरोध जताने वाले प्रदर्शनकारी अम्बेडकर पार्क से जुलूस की शक्ल में जीबी रोड होते हुए टावर चौक पहुंचे, जहां एक सभा आयोजित कर सरकार की नीतियों पर तीखा प्रहार किया गया।
सभा को संबोधित करते हुए भाकपा–माले के जिला सचिव निरंजन कुमार ने कहा कि नई एनडीए सरकार के गठन के बाद गया सहित पूरे बिहार में अतिक्रमण हटाने के नाम पर गरीबों, दलितों व फुटपाथी दुकानदारों के खिलाफ बुलडोजर चलाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था और पुनर्वास के हजारों परिवारों को उजाड़ा जा रहा है, जो सरकार की जनविरोधी नीतियों को उजागर करता है। निरंजन कुमार ने मांग की कि भूमिहीन गरीबों को भूमि का पर्चा दिया जाए और उन्हें पक्के घर उपलब्ध कराए जाएँ, ताकि उन्हें बार-बार बेघर होने का खतरा न रहे।
फुटपाथों पर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले दुकानदारों की स्थिति पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि शहर में एक भी वेंडिंग जोन का न होना सरकार की बदइंतज़ामी का प्रमाण है। उनके अनुसार, बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए फुटपाथी दुकानदारों को हटाना उनकी आजीविका पर हमला है। भाकपा–माले ने साफ कहा कि गरीबों को उजाड़ने के बजाय सरकार शहर में सुव्यवस्थित वेंडिंग जोन बनाकर दुकानदारों को वैध जगह दे, ताकि उनका व्यवसाय सुरक्षित रह सके।
नेताओं का कहना था कि सत्ता में आने से पहले सरकार ने 10 हजार लोगों को लाभ देने का वादा किया था, लेकिन चुनाव के बाद वही सरकार गरीबों और छोटे कारोबारियों पर बुलडोजर चला रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि बिहार में किसी भी तरह का बुलडोजर राज नहीं चलने दिया जाएगा और गरीबों के हक और अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन तेज किया जाएगा।
विरोध मार्च और सभा में जिला सचिव निरंजन कुमार, नगर प्रभारी तारिक अनवर, जिला कमेटी सदस्य रीता वर्णवाल, रामलखन प्रसाद, बच्चू सिंह, रवि कुमार, रामचंद्र प्रसाद, अंजुषा कुमारी, ईश्वर चौधरी, रामानंद सिंह, मोहम्मद शाकिब सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक शामिल हुए।
रिपोर्ट मनोज कुमार, गया