Bihar Politics:1980 के बाद मिथिलांचल में कांग्रेस की गूंज, राहुल गांधी की यात्रा से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई जान, एनडीए पर टूटा हमलों का तूफान

Bihar Politics:राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा ने एनडीए की नींव को मिथिलांचल में चुनौती दे दी है। ...

राहुल गांधी की यात्रा से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई जान- फोटो : social Media

Bihar Politics: राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा दरभंगा से निकलकर सीतामढ़ी होते हुए ढ़ाका पहुंच चुकी है, लेकिन इसका असर अब भी पूरे मिथिलांचल में जोरदार तरीके से महसूस किया जा रहा है। कांग्रेस और महागठबंधन नेताओं का दावा है कि इस यात्रा ने न सिर्फ कार्यकर्ताओं को नया हौसला और स्फूर्ति दी है, बल्कि आने वाले चुनाव में एनडीए को सीधी चुनौती खड़ी कर दी है।

गांव से लेकर शहर तक राहुल गांधी के स्वागत की तैयारियां ऐतिहासिक बताई जा रही हैं। दरभंगा में यह छह महीने के भीतर राहुल गांधी का दूसरा दौरा रहा, जिसने कार्यकर्ताओं को उत्साह से भर दिया। कार्यकर्ताओं का कहना है कि अब लंबे समय बाद कांग्रेस के पक्ष में लहर बन रही है।

दरभंगा लोकसभा सीट पर कांग्रेस की आखिरी जीत 1980 में हरिनाथ मिश्रा के नाम रही थी। इसके बाद भाजपा ने यहां पकड़ बनाई और 2004 में सिर्फ एक बार राजद के अली अशरफ फातमी जीते। विधानसभा की स्थिति देखें तो 2020 में 10 में से 9 सीटों पर एनडीए का कब्जा रहा। ऐसे में राहुल गांधी की एंट्री को महागठबंधन कार्यकर्ता ऐतिहासिक मौका मान रहे हैं।

महागठबंधन नेताओं ने एनडीए पर आरोप लगाया है कि उसने 65 लाख वोट की चोरी की। राजद नेता शत्रुघ्न यादव ने कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यह यात्रा उसी वोट चोरी को रोकने का संकल्प है। इस बार मिथिलांचल की सभी 10 सीटों पर जीत महागठबंधन की होगी।

दरभंगा संसदीय सीट का इतिहास बताता है कि 1952 से कांग्रेस का दबदबा था, लेकिन 1990 के बाद भाजपा और जनता दल ने वर्चस्व कायम किया। 2014 और 2019 में भाजपा ने जीत दर्ज की और मौजूदा सांसद गोपालजी ठाकुर लगातार दूसरी बार जीतकर आए। लेकिन महागठबंधन का दावा है कि इस बार समीकरण पलटेगा और मिथिलांचल से ही सत्ता परिवर्तन का बिगुल बजेगा।

 राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा ने एनडीए की नींव को मिथिलांचल में चुनौती दे दी है। अब देखने वाली बात यह होगी कि यह लहर चुनावी रणभूमि में वोटों में तब्दील हो पाती है या नहीं।