प्रशांत किशोर को भोरे-भोरे टांगने वाल IPS कौन,किसको दी गई थी जिम्मेदारी,जिससे खौफ खाते हैं माफिया

भानु प्रताप सिंह, अपनी साहसी और त्वरित कार्रवाईयों के कारण एक प्रभावशाली और कड़क आईपीएस अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं।

प्रशांत किशोर को भोरे-भोरे टांगने वाल IPS कौन,किसको दी गई थी जिम्मेदारी,जिससे खौफ खाते हैं माफिया
IPS भानु प्रताप सिंह के चर्चे- फोटो : social media

IPS Bhanu Pratap Singh: आईपीएस भानु प्रताप सिंह, जो वर्तमान में दानापुर के पुलिस अनुमंडल पदाधिकारी के पद पर तैनात हैं, अपने कड़े और साहसी कदमों के कारण चर्चा में हैं। हाल ही में 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में अनियमितता के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी को लेकर उनकी भूमिका ने उन्हें एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है।

2021 बैच के आईपीएस अधिकारी

भानु प्रताप सिंह 2021 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। दानापुर में तैनाती के बाद से ही उन्होंने कई बड़े और साहसी कार्यों को अंजाम दिया, जिससे उनकी पहचान एक कड़क अधिकारी के रूप में बन गई है। उन्होंने मात्र दो महीनों में ही कई महत्वपूर्ण कार्रवाईयों को अंजाम देकर यह सिद्ध किया है कि वे किसी भी चुनौतीपूर्ण परिस्थिति से निपटने में सक्षम हैं।

रीतलाल यादव के भाई को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर किया

दानापुर में अपनी तैनाती के दौरान, उन्होंने दिसंबर 2024 में आरजेडी विधायक रीतलाल यादव के भाई पिंकू यादव को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया। रीतलाल यादव के नाम का भय इतना था कि आमतौर पर पुलिस अधिकारी उनके परिवार के खिलाफ कार्रवाई करने से हिचकिचाते थे। लेकिन भानु प्रताप सिंह ने बिना किसी दबाव के बड़ी कार्रवाई की और कानून का पालन सुनिश्चित किया।

कालिया गैंग का पर्दाफाश

दानापुर में अपनी तैनाती के बाद, भानु प्रताप सिंह ने कालिया गैंग का पर्दाफाश कर नौ लोगों को गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई में बड़ी संख्या में हथियार भी बरामद किए गए। यह कदम क्षेत्र में कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ और भानु प्रताप की प्रभावशाली नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है।

नालंदा और मुजफ्फरपुर में शानदार कार्यकाल

आईपीएस बनने के बाद भानु प्रताप सिंह की पहली पोस्टिंग नालंदा में प्रशिक्षु अधिकारी के रूप में हुई थी। इसके बाद उन्हें मुजफ्फरपुर में टाउन पुलिस उपाधीक्षक के पद पर तैनात किया गया, जहाँ उन्होंने अवैध शराब माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए और उनकी नाक में दम कर दिया। उनकी इस कार्रवाई से शराब माफिया डर में जीने लगे और कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सका।

लाठीचार्ज में विशेषज्ञता

भानु प्रताप सिंह के नाम कई साहसी कार्रवाइयाँ दर्ज हैं, जिसमें लाठीचार्ज की दक्षता भी शामिल है। मुजफ्फरपुर में एक अस्पताल में हुए भारी हंगामे के दौरान उन्होंने मौके पर पहुंचकर लाठीचार्ज का आदेश दिया, जिससे भीड़ तितर-बितर हो गई और स्थिति को नियंत्रण में किया जा सका। उनके इस त्वरित एक्शन ने काफी तोड़फोड़ और नुकसान से बचा लिया।

प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी और हालिया चर्चा

प्रशांत किशोर के नेतृत्व में गांधी मैदान में शुरू हुए आमरण अनशन के दौरान भानु प्रताप सिंह की भूमिका ने उन्हें एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया। प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी की कार्रवाई के लिए भानु प्रताप सिंह ने खुद मोर्चा संभाला और उन्हें हिरासत में लिया। इस कदम से भानु प्रताप की सख्त और जिम्मेदार अधिकारी की छवि को और बल मिला है।

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