Bihar Land Survey: 'कैथी लिपि' की चुनौती का निकल गया हल, दस्तावेज समझने के लिए बिहार सरकार ने निकाला ये उपाय
Bihar Land Survey: बिहार में विशेष भू सर्वेक्षण का काम तेजी से चल रहा है. 38 जिला के सभी 445 प्रखंड में यह काम चल रहा है. जमीन सर्वे में कैथी लिपि में लिखे गये दस्तावेज से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. बिहार भूमि सर्वे में लगे अधिकतर कर्मचारियों को कैथी लिपि का ज्ञान नहीं है. ऐसे में जमीन के दस्तावेज में लिखे गये तथ्यों की जानकारी पाना एक बड़ी समस्या बनी हुई ती. यही कारण है कि दस्तावेज में क्या लिखा हुआ है, यह जानकारी पाने के लिए लोग भटक रहे हैं.
इसके लिए भू राजस्व विभाग ने कैथी पढ़नेवाले विशेषज्ञों की सेवाएं ली हैं ये विशेषज्ञ जिलों में जाकर सर्वे कर्मियों को कैथी लिपि का प्रशिक्षण दे रहे है.। प्राथमिकता के आधार पर यह प्रशिक्षण पहले उन जिलों में दिया जा रहा है जहां पुराने खतियान यानि कैडेस्ट्रल खतियान के आधार पर राजस्व संबंधी सारे कार्य होते हैं.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अब इस लिपि की एक पुस्तिका छपवा कर सर्वे कर्मियों में बांटने का निर्णय लिया है. ये पुस्तिका अमीन, कानूनगो, शिविर प्रभारी के अतिक्ति राजस्व कर्मचारियों, राजस्व अधिकारियों, अंचल अधिकारियों, भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं एवं अपर समाहर्ताओं के बीच बांटी जाएगी। साथ ही इसे सर्वे निदेशालय की वेबसाइट, विभाग के सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर अपलोड करने के अलावे अखबारों में पूरे एक पेज का विज्ञापन भी दिया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोगों को कैथी में लिखे अपने दस्तावेजों को समझने में सहूलियत हो सके।
यह निर्णय राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में आयोजित विभागीय पदाधिकारियों की बैठक में लिया गया। बैठक में डॉ जायसवाल ने भूमि सर्वे की प्रगति की समीक्षा की एवं उन्हें और सरल, सहज एवं प्रभावी बनाने के संबंध में सलाह और निदेश दिए। बैठक में विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार सिंह, सचिव श्री जय सिंह और भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक श्रीमति जे0 प्रियदर्शिनी भी उपस्थित थीं।
निदेशक जे0 प्रियदर्शिनी ने बताया कि 929 गांवों में विशेष सर्वेक्षण खतियान एवं नक्शे का अंतिम प्रकाशन किया जा चुका है। कुछ औपचारिकताएं बाकी हैं जिन्हें पूरा करने के पश्चात इनपर अंचलों में दाखिल-खारिज समेत राजस्व संबंधी सारा कार्य किया जा सकेगा।
डॉ जायसवाल ने कहा कि पहले एक दर्जन गांवों के अंतिम रूप से प्रकाशित खतियान का वितरण लोगों में किया जाए, उसके आधार पर राजस्व संबंधी कार्य शुरू किए जाएं और उससे प्राप्त फीडबैक के आधार पर सभी 929 मौजों में इसे लागू किया जाए।
अपर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार सिंह ने डॉ जायसवाल को भूमि सर्वे के दौरान सरकारी जमीन के संरक्षण के संबंध में विभाग द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। एसीएस ने कहा कि सभी जिला पदाधिकारियों को सूचित किया गया है कि वो जिला के सभी विभागों के नोडल पदाधिकारियों की बैठक बुलाकर उनके विभागों से संबंधित भूमि का ब्यौरा सर्वे कर्मियों को उपलब्ध कराएं। विभाग स्तर से भी सभी विभागों को अपनी जमीन का ब्यौरा उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है और समाज कल्याण एवं उर्जा ने अपने स्वामित्व की संपूर्ण भूमि का ब्यौरा उपलब्ध भी करवाया है।
डॉजायसवाल ने विभाग के सर्वर के धीमा होने एवं उससे लोगों को हो रही परेशानी की चर्चा की। सचिव श्री जय सिंह ने बताया कि इस संबंध में बेल्ट्राॅन एवं स्टेट डाटा सेंटर से बात हो गई और इसी माह में इस समस्या का समाधान हो जाएगा।
रिपोर्ट- विवेकानंद