Bihar News: सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट चढ़ा भष्ट्राचार की भेंट, जनप्रतिनिधि गटक गए लाखों की राशि!
मोतिहारी जिले के अरेराज प्रखंड के ममरखा पंचायत में मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट 'हर घर नल का जल' योजना में भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है।
Bihar News: सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट नलजल योजना का हाल बेहाल है ।अधिकारी और जनप्रतिनिधि दोनों हाथ से माल बटोरने में जुटे हैं तो ग्रामीण शुद्ध पेयजल के लिए वर्षो से तरस रहे है।मोतिहारी जिले के अरेराज प्रखंड के ममरखा पंचायत के वार्ड 02 में मुख्यमंत्री का महत्वाकांक्षी नल जल योजना पूरी तरह फेल हो गई है। वर्ष 2022 में इस योजना के तहत ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लाखों रुपये की राशि जारी की गई थी, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस राशि का गबन कर लिया।
ग्रामीणों का आरोप है कि जनप्रतिनिधियों ने अपनी जेब भरने के लिए योजना के तहत आवंटित लगभग 11 लाख रुपये को अपने किसी रिश्तेदार के नाम पर निकाल लिया। इस घोटाले के बावजूद, आज तक ग्रामीणों को नल का एक भी कनेक्शन नहीं मिला है और न ही उनके घरों तक पाइपलाइन बिछाई गई है।
ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत प्रखंड और जिला प्रशासन से कई बार की है, लेकिन अधिकारियों ने इस ओर कोई गंभीर कार्रवाई नहीं की है। अधिकारी सिर्फ जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं और दोषियों को बचाने में लगे हुए हैं।
मोतिहारी जिला के अरेराज प्रखंड के ममरखा पंचायत के वार्ड 02 में सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट नलजल योजना अधिकारी व जनप्रतिनिधि के कारगुजारी का भेट चढ़ गया।ममरखा पंचायत के वार्ड 02 के 300 परिवार के नलजल योजना सुचारू करने के लिए सरकार द्वारा भेजी गई राशि वर्ष 22 में ही 11 लाख रुपया जनप्रतिनिधि द्वारा अपने एक संबंधी के नाम पर निकासी कर लिया गया।राशि निकासी के दो वर्ष बाद भी आजतक न वार्ड के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल की सुबिधा मिला नही पाइप ही गड़ा गया।ग्रामीणों की माने तो कमीशन की खेल में इतना दम है कि वार्ड सदस्य व ग्रामीणों द्वारा प्रखंड से लेकर जिला तक आवेदन देकर जांच कर दोषी पर कार्रवाई की मांग किया गया।लेकिन जांच अधिकारी जांच के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति कर अपनी जेब गर्म करने में जुटे रहे। वार्ड के 300 परिवार को आजतक सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट का लाभ नही मिल सका।सिर्फ कागजी घोड़ा दौड़ता रहा। इस घटना से साफ जाहिर होता है कि सरकारी योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचने के बजाय कुछ भ्रष्ट अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की जेब में जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कब तक आम जनता को इन भ्रष्टाचारियों से मुक्ति मिलेगी?
रिपोर्ट- हिमांशु कुमार