Gaya News - गया में 29 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ प्रभावती अस्पताल, निर्माण कार्य का डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने लिया जायजा

Gaya News - 29 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ गया का प्रभावती अस्पताल अब नए भवन में पुराने भवन से शिफ्ट कर दिया जाएगा । इस बाबत में मैनेजर प्रोजेक्ट ने बताया कि यह भवन चार मंजिल की है। इसे 25 सौ स्कवायर फीट में बनाया गया है। भवन निर्माण की लागत राश

Gaya News - गया में 29 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ प्रभावती अस्पताल, निर्माण कार्य का डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने लिया जायजा

GAYA : प्रभावती अस्पताल के पुराने भवन को अब जल्द ही 29 करोड़ की लागत से तैयार नये भवन में शिफ्ट कर दिया जायेगा। इस भवन को 25 सौ स्कवायर मीटर में तैयार किया गया है। नये भवन को शिफ्ट करने के लिये सभी आवश्यक कार्य लगभग पूर्ण कर ली गयी है। फिलहाल बिजली कनेक्शन की तैयारी चल रही है। इसके लिए साउथ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से बात हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस दिशा जोर—शोर से तैयारी की जा रही है। जिला पदाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम द्वारा प्रभावती अस्पताल के नये भवन का निरीक्षण किया गया। इस दौरान नये भवन में तैयार किये जा रहे सभी विभागों की व्यवस्था को समझा। भवन निर्माण बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन द्वारा किया गया है। प्रभावती अस्पताल के नये भवन निर्माण की प्रोजेक्ट मैनेजर दिव्या भट्ट एव सिविल सर्जन ने जिला पदाधिकारी को सभी विभागों के कक्षों का बयोरा दिया। 

मैनेजर प्रोजेक्ट ने बताया कि यह भवन चार मंजिल की है। इसे 25 सौ स्कवायर फीट में बनाया गया है। भवन निर्माण की लागत राशि 29.2 करोड़ रुपये हैं। बताया कि ग्रांउड फ्लोर पर सीटी स्कैन की व्यवस्था है। इसके अलावा यहां पर एक्सरे, रेडियोलॉजी, अल्ट्रासांउड लैब, इसीजी कराने की व्यवस्था की गयी है। ग्राउंड फ्लोर पर ही तीन प्रकार के लैब तैयार किये गये हैं, जिसमें ब्लड कलेक्शन, माइक्रोबायोलॉजी लैब, पैथोलॉजी लैब, रेडियोलोजी रूम, क्लीनिकल बायोकेमेस्ट्री लैब की व्यवस्था है। यहां पर दो वेटिंग रिसेप्शन भी हैं। नये भवन के पहले तल्ले पर पर बर्थ यूनिट तैयार किया गया है, जहां पर प्रसव के बाद नवजात शिशु के रखने की व्यवस्था है। पोस्ट आपरेटिव और प्री—लेबर वार्ड बनाये गये हैं। पहले तल्ले पर ही आउटबॉर्न नर्सरी है जहां बाहर से आये बच्चों का इलाज होगा। इसके अलावा इसी तल्ले पर प्री—मैच्योर नर्सरी, रेडिएंट वार्मर नर्सरी की व्यवस्था होगी। इस तल्ले पर चिकित्सकों के लिए कक्ष बनाया गया है तथा ओटी रूम है। बताया कि दूसरे तल्ले पर जनरल वार्ड बनाया गया है। यहां पर जनरल वार्ड तीन प्रकार के हैं। इनमें दो जनरल वार्ड पंद्रह बेड के हैं। चार जनरल वार्ड चार बेड के हैं। एक जनरल वार्ड सात बेड का है। इसके अलावा मीटिंग रूम और अस्पताल अध्यक्ष के चैंबर बनाये गये हैं। इसके अलावा 61 बेड का जेनरल वार्ड भी बनाया गया है। 

तीसरे तल्ले पर आपरेशन थियेटर है। इसमें एक आइसीयू है और एक अस्पताल प्रबंधन का आफिस बनाया गया है। नर्सिंग स्टॉफ के लिए तथा सर्जन के लिए अलग—अलग कक्ष बने हैं। पुरुष तथा महिला सर्जन के लिए अलग—अलग कक्ष बनाये गये हैं। इसमें सात बेड का पोस्ट आपरेटिव वॉर्ड बनाया गया है। आपरेशन थियेटर को स्ट्राइल करने का भी कक्ष है। इसमें अलग अलग 02 ऑपरेशन थिएटर बनाया गया है। इसके अलावा 12 बेड का आईसीयू वार्ड बनाया गया है। चौथे तल्ले पर ड्रग कंट्रोल आफिस है। स्वास्थ्य विभागों के विभिन्न अधिकारियों के चैंबर होंगे। साथ ही आयुष चिकित्सकों के लिए पंचकर्मा थियेटर बनाया गया है। माइनर ओटी ऑपरेशन थिएटर, ड्रग कंट्रोल ऑफिस, मेडिकल स्टोर आयुर्वेद संबंधित एवं क्लीनिकल लैबोरेट्री भी बनाए गए हैं। भवन में तीन अलग—अलग लिफ्ट बनाये गये हैं जिससे मरीज तथा परिजनों एवं चिकित्सकों के आने जाने की सुविधा होगी। 

चौथे तल्ले पर वेटिंग तथा रिसेप्शन की जगह बनायी गयी है। इसके अलावा एक सर्विस ब्लॉक बनाया गया है। भवन से हटकर एक फायर टैंक बनाया गया है। फायर सेफ्टी टैंक पूरे कैंपस की सुरक्षा को ध्यान में रखकर 2 लाख लीटर पानी क्षमता वाले अंडरग्राउंड वॉटर टैंक के साथ फायर सेफ्टी की व्यवस्था रखी गई है ताकि किसी भी विपरीत परिस्थिति में बिना बाहरी सहायता के अस्पताल में अग्निसमन संबंधित बचाव कार्य किया जा सके। अलग—अलग सर्विस ब्लॉक भी बनाये गये हैं। सर्विस ब्लॉक में कपड़ा धोने, आयरन करने तथा स्ट्रालाइज करने की व्यवस्था है।

इसके पश्चात जिला पदाधिकारी ने जिला अर्ली इंटरवेंशन सेंटर का भी निरीक्षण किया गया। यह विशेष कर बच्चों का स्पेशल वार्ड प्रभावती अस्पताल में बनाया गया है। इसमें मुख्य रूप से ऑडियोलॉजिकल टेस्ट, आंख संबंधित उपचार, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, खेल थेरेपी, बिहेवियर मोडिफिकेशन सहित अन्य प्रकार के ट्रेनिंग प्रोग्राम बच्चों को करवाया जाता है ताकि बच्चे पूरी तरह स्वस्थ रह सके। जिला पदाधिकारी ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से बच्चों को यहां रेफर कर कर उन्हें अच्छे से इलाज करवाये। जिला पदाधिकारी ने जानकारी लिया कि प्रतिदिन एवं प्रती माह कितने बच्चों का उपचार होता है, इसकी जानकारी लिया। उन्होंने निर्देश दिया है कि और प्रभावी रूप से बच्चों को यहां थेरेपी करवाये और बेहतरीन तरीके से संचालन करवाये। उन्होंने खुशी प्रकट करते हुए कहा कि यह बच्चों के लिए काफी अच्छा व्यवस्था है इसे पूरी तरह प्रयोग में लाएं। अस्पताल कैंपस निरीक्षण के दौरान जंगल झाड़ को पूरी तरह साफ सफाई कराकर एक पार्क के रूप में डेवलप करने का निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिया कि इस नव निर्मित अस्पताल भवन में सभी प्रकार की इक्विपमेंट एवं फर्नीचर को अगले 7 दिनों के अंदर लगवाना सुनिश्चित करें।

इसके पश्चात प्रभावती अस्पताल कैंपस में एएनएम हॉस्टल का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण में बताया गया कि यहां कुल 200 बच्चे नामांकित है। आज के तिथि में 172 बच्चे रह रहे हैं। सिविल सर्जन ने बताया कि एएनएम हॉस्टल का सेकंड फ्लोर काफी जर्जर है। इस पर जिला पदाधिकारी ने आज ही विभाग को पत्र भेजने का निर्देश दिए तथा सिविल सर्जन को निर्देश दिए हैं कि अपने स्तर से कोई तत्काल भवन चिन्हित करने का कार्य करें। इसके अलावा उन्होंने निर्देश दिया है की सेकंड फ्लोर पर कोई भी बच्चे नहीं जाएं। प्रथम तल पर ही रहने एवं पढ़ाई की व्यवस्था हो। सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि तत्काल द्वितीय फ्लोर को मरम्मत करवाने की भी कारवाई किया जाए।

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