waqf board: वक्फ बोर्ड की जमीन विवाद में नया मोड़, बिहार स्टेट सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा कि जमीन उनकी नहीं
दरभंगा में वक्फ की संपत्ति का हवाला देकर दो पक्ष आमने सामने हो गए है। एक पक्ष का कहना है कि हनुमाननगर प्रखंड के तालपुपरी मौजे के 15 एकड़ जमीन वक्फ बोर्ड का है। जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि यह हमारी पैतृक संपत्ति है और खतियान हमारे परदादा स्वर्गीय इल
waqf board: दरभंगा में वक्फ बोर्ड की जमीन को लेकर चल रहे विवाद में एक नया मोड़ आ गया है। जिलाधिकारी राजीव रौशन ने स्पष्ट किया है कि बिहार स्टेट सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अपने आधिकारिक पत्र में स्पष्ट रूप से कहा है कि विवादित 15 एकड़ जमीन वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं है।
हनुमाननगर प्रखंड के तालपुपरी मौजे में स्थित इस जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद चल रहा है। एक पक्ष का दावा है कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की है, जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि यह उनकी पैतृक संपत्ति है।
जिलाधिकारी ने बताया कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निर्देशानुसार वक्फ बोर्ड की संपत्ति का अवैध हस्तांतरण प्रतिबंधित है। उन्होंने यह भी बताया कि वक्फ बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर जो संपत्ति का विवरण दिया है, उसमें विवादित जमीन शामिल नहीं है। इसके अलावा, बिहार स्टेट सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने भी आदेश जारी किया है कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की संपत्ति के रूप में पंजीकृत नहीं है।
दूसरे पक्ष के मुताबिक, उनके पूर्वजों ने 1948 में इस जमीन की रजिस्ट्री करवा ली थी और उनके पास इस संबंध में सभी कानूनी दस्तावेज हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके रिश्तेदार वक्फ बोर्ड का नाम लेकर उनकी जमीन हड़पना चाहते हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि इस मामले में सभी संबंधित दस्तावेजों का गहन अध्ययन किया जा रहा है और उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वक्फ बोर्ड कोई संशोधित आदेश जारी करता है, तो उस आधार पर भी कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट- वरुण कुमार ठाकुर