PMCH में सेवा पुस्तिका घोटाला, उम्र में हेरफेर का मामला दर्ज, जानें किन लोगों पर दर्ज हुआ केस?

PMCH सेवा पुस्तिका घोटाले में उम्र में हेरफेर का मामला प्रशासन और कर्मचारियों की मिलीभगत का संकेत देता है। पुलिस की जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी से ही इस घोटाले के पीछे की असल सच्चाई सामने आ सकेगी।

PMCH में सेवा पुस्तिका घोटाला, उम्र में हेरफेर का मामला दर्ज, जानें किन लोगों पर दर्ज हुआ केस?
PMCH में हेरफेर का गंभीर मामला आया सामने- फोटो : social media

pmch scam news: बिहार के सबसे बड़े अस्पताल PMCH (पटना मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल) में चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की सेवा पुस्तिकाओं में उम्र में हेरफेर का गंभीर मामला सामने आया है। आरोप है कि यह हेरफेर नौकरी की अवधि बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया। इस घोटाले का खुलासा आंतरिक जांच के बाद हुआ, जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज की गई।

कैसे हुआ घोटाला?

PMCH प्रशासन द्वारा की गई आंतरिक जांच में यह पाया गया कि कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका में उनकी जन्म तिथि में बदलाव किया गया था। ऐसा करने से उनकी नौकरी की अवधि बढ़ाई गई। यह हेरफेर वर्ष 2013 से 2023 के बीच किया गया।

FIR दर्ज, पांच लोगों पर आरोप

PMCH अधीक्षक आईएस ठाकुर ने 3 दिसंबर को पीरबहोर थाने में केस दर्ज कराया। FIR में पांच लोगों के नाम शामिल हैं:

अनिल कुमार (सरस्वती टावर, कुसुमपुरम, दानापुर)

विजय प्रकाश

प्रमोद कुमार सिंह (संतकबीर नगर, हाजीपुर)

धीरज कुमार (SKMCH, मुजफ्फरपुर)

अखिलेश कुमार (परमेश्वर दयाल लेन, महेंद्रू)

इनमें से तीन आरोपी रिटायर्ड लिपिक हैं, जो 2013 से 2023 के बीच PMCH में कार्यरत थे। पुलिस को शक है कि इन्हीं में से किसी ने सेवा पुस्तिका में हेरफेर किया है।


जांच की प्रगति

पुलिस सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है।शुरुआती जांच में हेरफेर की पुष्टि हो चुकी है। पुलिस ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है।


PMCH की साख पर सवाल

PMCH बिहार का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित अस्पताल है, लेकिन इस घोटाले ने उसकी छवि को धक्का पहुंचाया है। कर्मचारियों द्वारा उम्र में बदलाव का यह मामला प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार को उजागर करता है। अस्पताल प्रशासन पर भी निगरानी बढ़ाने की जरूरत है। PMCH सेवा पुस्तिका घोटाले में उम्र में हेरफेर का मामला प्रशासन और कर्मचारियों की मिलीभगत का संकेत देता है। पुलिस की जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी से ही इस घोटाले के पीछे की असल सच्चाई सामने आ सकेगी। यह मामला अस्पतालों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है।

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