मेहनत और जुझारूपन का मिसाल किया पेश, भाई-बहन की जोड़ी ने कर दिया कमाल, असफलता के बावजूद हासिल की बड़ी उपलब्धि
प्रेम कुमार और मधु कुमारी की यह कहानी अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा है। यह साबित करता है कि समर्पण, अनुशासन, और आत्मविश्वास से कोई भी मुश्किल आसान हो सकती है।
Samastipur News: समस्तीपुर जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के रसलपुर गांव के निवासी प्रेम कुमार और मधु कुमारी ने शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफलता हासिल कर मिसाल कायम की है। कठिन परिस्थितियों और असफलता के बावजूद, उनके संघर्ष और मेहनत ने उन्हें यह उपलब्धि दिलाई।
पहली असफलता के बाद दोगुना संघर्ष
प्रेम कुमार और मधु कुमारी ने पहली बार शिक्षक भर्ती परीक्षा में असफलता का सामना किया। लेकिन हार मानने की बजाय, उन्होंने अपनी तैयारी को और गंभीरता से लिया।दूसरी बार उन्होंने TRE-3 परीक्षा की तैयारी शुरू की। 26 दिसंबर को घोषित परिणामों में दोनों का चयन हो गया। प्रेम कुमार ने राजनीतिक शास्त्र विषय के लिए सफलता प्राप्त की। उनकी इस उपलब्धि से क्षेत्र में खुशी और गर्व का माहौल है।
पिता का सपना किया साकार
प्रेम कुमार और मधु कुमारी की सफलता उनके पिता मनोज सिंह के सपने को साकार करने की कहानी है। मनोज सिंह चाहते थे कि उनके बच्चे अपने मेहनत और संघर्ष से समाज में नाम रोशन करें।दोनों भाई-बहन ने अपने पिता की इस आकांक्षा को पूरा कर दिखाया।अब उनका नाम समस्तीपुर जिले में गर्व और प्रेरणा का प्रतीक बन गया है।स्व-अध्ययन और अनुशासन बना सफलता की कुंजीप्रेम कुमार और मधु कुमारी ने कोचिंग क्लासेस के बजाय स्व-अध्ययन और अनुशासन पर भरोसा किया।उन्होंने ऑनलाइन और ऑफलाइन संसाधनों का उपयोग करते हुए प्रतिदिन 5-6 घंटे पढ़ाई की।बीएड करने के बाद, दोनों ने शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारी की और अंततः सफलता पाई।
प्रेरणा बने भाई-बहन
उनकी इस सफलता ने यह साबित कर दिया कि कठिन परिश्रम और मजबूत इरादों से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।मधु कुमारी ने कहा कि उनके माता-पिता और दादा का सपना था कि वे कुछ बड़ा करें, और उन्होंने इसे साकार कर दिखाया। अब वे अपने परिवार और क्षेत्र के लिए गर्व का कारण बन गए हैं।
संदेश और प्रेरणा
प्रेम कुमार और मधु कुमारी की यह कहानी अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा है। यह साबित करता है कि समर्पण, अनुशासन, और आत्मविश्वास से कोई भी मुश्किल आसान हो सकती है। उनकी उपलब्धि संघर्षरत युवाओं के लिए एक आदर्श बन गई है।