Bihar News: सरकारी जमीन पर अब एक इंच भी नहीं रहेगा अवैध कब्जा, डीएम के आदेश से मचा हड़कंप, दे दिया अल्टीमेटम

Bihar News: बिहार की सड़कों से अवैध कब्जा हटाने का काम तेजी से जारी है। इसी बीच डीएम ने सख्त आदेश जारी कर दिया है। डीएम ने 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम भी दिया है। डीएम के आदेश से हड़कंप मच गया है।

डीएम का सख्त आदेश - फोटो : social media

Bihar News:  बिहार की सड़कों पर अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई चल रही है। इस कार्रवाई के बीच एक ऐसा आदेश आया है जिससे हलचल तेज हो गई है। जानकारी अनुसार अब वर्षों से कैसर-ए-हिंद, आम, मालिक, खास महाल और बकास्त जमीनों पर कब्जा जमाए लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। जिलाधिकारी पवन कुमार सिन्हा ने शहर सहित पूरे जिले में सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाने का सख्त आदेश जारी किया है। डीएम के इस कड़े रुख से अंचल पदाधिकारियों में भी बेचैनी बढ़ गई है।

शहर में जगह-जगह सरकारी जमीन पर कब्जा

प्रशासनिक कार्रवाई शुरू होने पर ऐसे हजारों लोग बेघर हो सकते हैं, जिन्होंने वर्षों से सरकारी जमीन पर मकान और दुकान बनाकर कब्जा कर रखा है। शहर के जादोपुर रोड में कैसर-ए-हिंद की जमीन पर दर्जनों लोगों का कब्जा है। वहीं मौनिया चौक से यात्री होटल तक एक डेड क्लब की जमीन पर अवैध निर्माण किया गया है, जिसको लेकर पहले भी तनाव की स्थिति बन चुकी है। 

अधिकारियों–कर्मचारियों की मिलीभगत का शक

इसके अलावा कमला राय कॉलेज के पीछे भी बड़े भू-भाग पर अतिक्रमण है। प्रशासन ने न सिर्फ शहर बल्कि जिले के सभी अंचल मुख्यालयों और आसपास के पांच-पांच गांवों से भी कब्जा हटाने की तैयारी शुरू कर दी है। डीएम ने साफ कहा है कि सरकारी भूमि पर अवैध जमाबंदी कायम कर कब्जा किया गया है, लेकिन बार-बार स्मार देने के बावजूद कई अंचलों में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे अंचल स्तर के पदाधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है।

31 दिसंबर तक रिपोर्ट अनिवार्य

डीएम ने सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 31 दिसंबर तक अपने अंचल मुख्यालय के पास के पांच राजस्व ग्रामों की सभी सरकारी जमीनों की स्थल जांच करें। अवैध जमाबंदीधारियों के खिलाफ जमाबंदी रद्दीकरण का प्रस्ताव अपर समाहर्ता को भेजा जाएगा, ताकि अतिक्रमण हटाया जा सके। जिलाधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई सरकार के लैंड बैंक को मजबूत करने और विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए भूमि उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की जा रही है। सभी सीओ को खाता, खेसरा और रकबा सहित पूरी सूची डीएम कार्यालय को उपलब्ध करानी होगी।

सीओ को देना होगा प्रमाण पत्र

डीएम ने स्पष्ट किया है कि सभी अंचल अधिकारी यह प्रमाण पत्र देंगे कि जांच प्रक्रिया में किसी भी गैरमजरूआ, आम, खास महाल, कैसर-ए-हिंद या बकास्त भूमि को छोड़ा नहीं गया है। किसी भी तरह की लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। प्रशासन ने संकेत दिया है कि जनवरी से अगले चरण में फिर पांच गांवों की सूची तैयार कर तीन माह के भीतर पूरे जिले की सरकारी जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्रवाई तेज की जाएगी।