न्यूट्रिशन से भरपूर साग शरीर के लिए जरूरी, अब घरों की जगह रेस्टोरेंट के स्पेशल मेन्यू का बना हिस्सा

सरसों मेथी का साग शरीर के लिए बहुत जरूरी है। इससे लोगों के हेल्थ प्रॉबलम ठीक होते हैं। हालांकि, कभी-कभी मेथी या सरसों का साग पेट खराब भी कर देता है।

साग

ठंड बढ़ते ही सब्जी मंडियों में कई तरह की सब्जियां आ जाती है। बाजार में तरह-तरह के साग मिल रहे हैं। इसमें सरसों और मेथी के साग के लिए लोगों की अलग ही दीवानगी दिखती है। इसे ऐसे समझिए कि सर्दियों में उत्तर भारत के कई रेस्टोरेंट और ढाबे सिर्फ सरसों-मेथी के साग के दम पर चलते हैं। यह साग लाजवाब स्वाद के साथ ही शरीर के लिए जरूरी न्यूट्रिशन से भरपूर होता है। इसमें कई जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स भी होते हैं। इसकी खास बात ये है कि ये लो कैलोरी फूड है और शरीर को सभी जरूरी माइक्रो न्यूट्रिएंट्स भी देता है।


रेस्टोरेंट के स्पेशल मेन्यू का हिस्सा बन रहा साग

हमारी दादी-नानी सालों से सरसों और मेथी का साग बनाती आ रही हैं। यही कारण है कि पहले लोगों को 60-70 की उम्र तक भी सुई में धागा डालने के लिए चश्मे की जरूरत नहीं पड़ती थी। अब इंस्टेंट फूड की चाहत साग को थाली से दूर कर रही है। यह रेस्टोरेंट के स्पेशल मेन्यू का हिस्सा बनता जा रहा है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि सिर्फ 100 ग्राम मेथी के साग में रोजाना जरूरत का 186% आयरन मिल जाता है। मात्र एक कप सरसों के साग में 120% विटामिन K मिल जाता है।


कई बीमारियों का जोखिम कम होता है

सरसों में शरीर के लिए जरूरी ज्यादातर विटामिन्स होते हैं। ये दोनों ही साग आयरन, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे जरूरी मिनरल्स का खजाना होते हैं। प्रकृति हर मौसम में शरीर की जरूरत के अनुसार फल और सब्जियां देती है। ठंड में हमारे लिए साग वरदान की तरह है। डॉ. अनु अग्रवाल कहती हैं कि अगर सर्दियों में हफ्ते में दो-तीन बार सरसों और मेथी का साग खाया जाए तो कई बीमारियों का जोखिम कम हो सकता है।


सरसों का साग खाने से गैस और ब्लोटिंग हो सकती

आमतौर पर दिन में एक-दो सर्विंग सरसों और मेथी का साग खाना सेफ है। ज्यादा साग खाने से डायरिया हो सकता है, आंतों में सूजन हो सकती है और एब्डॉमिनल पेन भी हो सकता है। कई दिन तक लगातार ज्यादा साग खाने से किडनी स्टोन भी हो सकता है। आमतौर पर सरसों का साग सबके लिए सेफ माना जाता है। फॉस्फोरस और फाइबर की मात्रा अधिक होने के कारण आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशयम का एब्जॉर्प्शन कम हो सकता है। विटामिन K की मात्रा बहुत अधिक होने के कारण खून पतला हो सकता है। अगर कोई ब्लीडिंग डिसऑर्डर है तो लक्षण गंभीर हो सकते हैं। सरसों का साग खाने से गैस और ब्लोटिंग हो सकती है।

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