Bihar Fire in train: पटना-हावड़ा जनशताब्दी एक्सप्रेस में लगी आग, बुझाने के बाद 15 KM दूर फिर उठा धुआं, यात्रियों में भगदड़

जनशताब्दी एक्सप्रेस में अचानक आग लगने जैसी स्थिति पैदा हो गई। ट्रेन के चक्कों से पहले धुआँ और फिर आग की लपटें उठीं, जिससे यात्रियों में अफ़रातफ़री मच गई।...

जनशताब्दी एक्सप्रेस में लगी आग- फोटो : social Media

Bihar Fire in train:  बिहार के जमुई ज़िले से रविवार को एक बड़ी रेल घटना सामने आई। झाझा रेलवे स्टेशन से हावड़ा के लिए रवाना हुई जनशताब्दी एक्सप्रेस में अचानक आग लगने जैसी स्थिति पैदा हो गई। ट्रेन के चक्कों से पहले धुआँ और फिर आग की लपटें उठीं, जिससे यात्रियों में अफ़रातफ़री मच गई।

घटना का पहला चरण जसीडीह रेलखंड के रजला स्टेशन पर देखा गया, जहाँ ट्रेन को रोककर चक्कों में लगी आग पर काबू पाया गया। राहत की सांस लिए यात्री आगे बढ़े ही थे कि सिमुलतला स्टेशन के नज़दीक फिर वही मंजर सामने आया। धुआँ उठते ही लोग डरकर ट्रेन से उतरने लगे और इधर-उधर भागने लगे। इस दौरान हालात भगदड़ जैसे बन गए। गनीमत रही कि किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं हुआ।

रेल अधिकारियों ने घटना की वजह ब्रेक बाइंडिंग बताई। दरअसल, यह वह स्थिति होती है जब ट्रेन के ब्रेक पूरी तरह ढीले नहीं हो पाते। नतीजतन, पहिए आधे जमे रहते हैं और घूमने में दिक़्क़त होती है। लगातार रगड़ और दबाव से पहियों में तेज़ गर्मी पैदा हो जाती है, जिससे धुआँ उठने लगता है और कभी-कभी आग भी पकड़ सकती है। तकनीकी भाषा में कहें तो यह ब्रेक सिस्टम की असफलता है, जिसमें पुर्ज़े फंस जाते हैं और समय पर अपनी जगह पर वापस नहीं लौटते।

इस घटना के बाद यात्रियों ने रेल विभाग की सुरक्षा व्यवस्था और तकनीकी जाँच प्रणाली पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि जनशताब्दी जैसी प्रमुख ट्रेनों में इस तरह की घटना होना बड़ी लापरवाही को दर्शाता है। वहीं, अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि तकनीकी दल ने तुरंत हालात संभाले और ट्रेन को सुरक्षित रवाना किया गया।

रेलवे के अनुसार, ब्रेक बाइंडिंग की समस्या मामूली नहीं है। यह न केवल ट्रेन के संचालन को प्रभावित करती है बल्कि यात्रियों की जान-माल की सुरक्षा के लिए भी गंभीर ख़तरा है। यही कारण है कि ऐसे मामलों में ट्रेन को तुरंत रोककर जाँच की जाती है।यात्रियों के डर और भगदड़ के बावजूद इस घटना में कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई।