Bihar Land Registry: बिहार में दाखिल-खारिज को लेकर नीतीश सरकार का नया नियम, हेल्पलाइन नंबर भी जारी, अब इन पर होगी सख्त कार्रवाई

Bihar Land Registry: बिहार में दाखिल खारिज को लेकर नीतीश सरकार ने नया नियम जारी किया है। इसके तहत अब एक आवेदन के जरिए पूरे परिवार की जमीन का दाखिल खारिज किया जा सकेगा।

जमीन
दाखिल खारिज के लिए एक नियम - फोटो : social media

Bihar Land Registry:  बिहार में पारिवारिक भूमि बंटवारे के बाद दाखिल-खारिज की प्रक्रिया अब पहले से कहीं ज्यादा सरल हो गई है। अब एक ही आवेदन के जरिए पूरे परिवार की जमीन का दाखिल-खारिज किया जा सकेगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने यह नई व्यवस्था बिहार भूमि पोर्टल पर लागू कर दी है, जिसकी सुविधा राज्य के लोगों को रविवार यानी आज से मिलने लगेगी।

दाखिल-खारिज के लिए एक परिवार एक आवेदन 

उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि पहले पारिवारिक बंटवारे के बाद प्रत्येक हिस्सेदार को अपने-अपने हिस्से की जमीन के लिए अलग-अलग दाखिल-खारिज कराना पड़ता था। इससे लोगों को अनावश्यक परेशानी और समय की बर्बादी होती थी। इसी समस्या को देखते हुए विभागीय अधिकारियों को व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए गए थे। विभाग के प्रधान सचिव सीके अनिल के नेतृत्व में टीम ने कम समय में नई प्रणाली विकसित की है, जिसे अब बिहार भूमि पोर्टल की दाखिल-खारिज सेवा के अंतर्गत लागू कर दिया गया है।

रैयतों को मिलेगी राहत 

इस नई व्यवस्था से आम रैयतों को बड़ी राहत मिलेगी। यदि आवेदन के दौरान किसी प्रकार की तकनीकी समस्या आती है, तो नागरिक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800 345 6215 पर कॉल कर जानकारी और सहायता प्राप्त कर सकते हैं। नई सुविधा के तहत नागरिक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे और अपनी जमीन से जुड़ी जमाबंदी की स्थिति भी आसानी से देख पाएंगे। डिजिटल प्रक्रिया से पारदर्शिता बढ़ेगी और बिचौलियों की भूमिका सीमित होगी।

मौखिक बंटवारे के लिए भी खास नियम 

सरकार ने खास तौर पर उन लोगों से अपील की है, जिन्होंने मौखिक बंटवारे के आधार पर जमीन पर कब्जा बना रखा है। ऐसे मामलों में भविष्य में पारिवारिक विवाद की आशंका बनी रहती है और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में भी दिक्कत आती है। नई व्यवस्था के तहत मौखिक बंटवारे को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज कर कागजी रूप दिया जा सकेगा, जिससे विवादों की संभावना कम होगी और लोगों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी। सरकार का मानना है कि इस ऑनलाइन व्यवस्था से न सिर्फ प्रक्रिया आसान होगी, बल्कि दलालों पर भी प्रभावी रोक लगेगी।