Jamui News: बरहट के दारोगा नौशाद रिजवी की पोल खुली! फर्जी 'पप्पू सिंह' बनकर महिलाओं का करता था शोषण, कोर्ट ने भेजा जेल
Jamui News: बरहट थाने के दारोगा मु. नौशाद रिजवी फर्जी नाम 'पप्पू सिंह' और बदली पहचान के सहारे कई महिलाओं को जाल में फंसाता था। एक SC महिला के शोषण मामले में कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर जेल भेज दिया। जानें पूरा मामला।
Jamui News: जमुई जिले के बरहट थाना में तैनात दारोगा मु. नौशाद रिजवी के खिलाफ एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि वह अपनी पहचान बदलकर खुद को ‘पप्पू सिंह’ बताता था और माथे पर तिलक लगाकर खुद को राजपूत बताकर महिलाओं का भरोसा जीतता था। एक अनुसूचित जाति की महिला ने अदालत में खुलासा किया कि इसी नकली पहचान के बहाने उसने वर्षों तक उसका जीवन नरक बना दिया।
महिला का आरोप — वर्दी, दबाव और धोखे का एक लंबा सिलसिला
पीड़िता ने बताया कि वर्ष 2020 में एक केस की जांच के दौरान दारोगा उसकी जिंदगी में आया। उसने अपनी वर्दी का दबदबा दिखाकर उसे अपने क्वार्टर में रहने के लिए मजबूर कर दिया। तीन साल तक वह लगातार शोषण झेलती रही। विरोध करने पर दारोगा उसकी तस्वीरें वायरल करने की धमकी देता रहा। आरोप यह भी है कि उसने न केवल महिला को बल्कि उसकी नाबालिग बेटी की गतिविधियों पर भी नजर रखना शुरू कर दिया था। महिला कई बार थाना पहुँची, लेकिन हर बार उसे टाल दिया गया।
अधिकारियों तक पहुंची शिकायतें, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई
पीड़िता ने तीन वर्षों में अपनी फरियाद चार एसपी, डीआईजी और आईजी तक पहुंचाई। उसने सोशल मीडिया पर फैलाई गई तस्वीरें भी अधिकारियों को भेजीं, लेकिन किसी भी स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई। अंततः 2024 में उसे न्यायालय का सहारा लेना पड़ा और उसने एससी-एसटी विशेष न्यायालय में परिवाद दायर किया।
जमानत की कोशिशें नाकाम, अदालत ने कहा— आरोप अत्यंत गंभीर
नौशाद रिजवी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए पहले जिला अदालत और फिर हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की कोशिश की। लेकिन दोनों जगह उसकी याचिकाएँ खारिज कर दी गईं। गुरुवार को उसने अदालत में आत्मसमर्पण किया और जेल से बचने के लिए फिर जमानत की प्रार्थना की। विशेष न्यायाधीश सत्यनारायण शिवहरे ने जमानत याचिका सख्ती से नामंजूर करते हुए आदेश दिया कि उसे तुरंत हिरासत में लेकर जेल भेजा जाए।
महिलाओं के धर्म परिवर्तन कराने का भी आरोप
पीड़िता ने अदालत में दावा किया कि दारोगा कई अन्य महिलाओं को भी अपनी पहचान छुपाकर प्रभावित करता था और उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करता था। उसने अदालत को कई महिलाओं की तस्वीरें भी दिखाईं। स्थानीय लोगों का कहना है कि नौशाद की शराबखोरी, दुर्व्यवहार और हिंसक प्रवृत्ति की चर्चा पहले भी होती रही है, लेकिन कभी कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई।
पीड़िता का दर्द
अदालत परिसर के बाहर पीड़िता अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकी। उसने कहा कि वह कई बार आत्महत्या का विचार कर चुकी थी और रेलवे स्टेशन तक पहुँच गई थी, लेकिन अपने बच्चों को याद कर रुक गई। उसने कहा कि अंततः अदालत ने उसकी बात सुनी, तभी उसे न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।