Jitan Ram Manjhi: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी NDA में सीट शेयरिंग को लेकर दिया बड़ा मैसेज! कहा-'चर्चा होगी और अगस्त तक...'

Jitan Ram Manjhi: एनडीए में बिहार की सीट शेयरिंग पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। जीतन राम मांझी ने बताया कि फैसला अगस्त तक होगा।

चुनाव को लेकर जीतन राम मांझी का संदेश- फोटो : SOCIAL MEDIA

Jitan Ram Manjhi: केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक जीतन राम मांझी ने साफ कर दिया है कि अभी तक एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सीट शेयरिंग पर जुलाई में बातचीत होगी और अगस्त तक निर्णय लिया जाएगा।

उन्होंने यह कहा कि एनडीए के हर घटक दल को जिताऊ सीटें दी जाएंगी, और उनकी पार्टी "हम" सभी 243 विधानसभा सीटों पर तैयारी कर रही है। यह बयान ना केवल उनकी महत्वाकांक्षा दर्शाता है, बल्कि यह भी कि एनडीए में छोटी पार्टियाँ भी निर्णायक भूमिका निभाने का दावा कर रही हैं।

भाजपा की रणनीति: सेवा, सुशासन और बूथ सशक्तिकरण

जहानाबाद में भाजपा की तरफ से आयोजित कार्यशाला में पार्टी की 2025 चुनावी रणनीति का स्पष्ट खाका प्रस्तुत किया गया। इसमें विकसित भारत का अमृत वर्ष – सेवा, सुशासन एवं गरीब कल्याण मुख्य विषय था। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर ब्रजेश रमन, आशुतोष कुमार, सीताराम पांडे को बुलाया गया था। कार्यशाला में पार्टी नेताओं ने जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने और केंद्र सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने पर ज़ोर दिया।

 आयुष्मान भारत योजना के प्रचार पर जोर

भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा गया कि वे अपने शक्ति केंद्रों में प्रत्येक पंचायत में चौपाल का आयोजन करें और 70 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को आयुष्मान योजना से जोड़ने के लिए जागरूक करें। इस पहल का उद्देश्य है स्वास्थ्य सुरक्षा का प्रचार-प्रसार करना।प्रधानमंत्री की जनकल्याण योजनाओं को ग्राम स्तर तक पहुंचाना और पार्टी के प्रति विश्वास मजबूत करना।

बूथ सशक्तिकरण: भाजपा की चुनावी रीढ़

भाजपा के क्षेत्रीय और ज़िला नेताओं ने विशेष रूप से बूथ सशक्तिकरण पर जोर दिया। जिला प्रभारी ने इसे "संगठनात्मक मजबूती की रीढ़" बताया।हर कार्यकर्ता को अपने बूथ को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए।यह रणनीति भाजपा की परंपरागत बूथ स्तर की माईक्रो-मैनेजमेंट क्षमता को रेखांकित करती है, जिसने पार्टी को पहले भी चुनावी लाभ दिलाए हैं।