Khagaria Road Accident:बाल-बाल बचे नीतीश कुमार, दूल्हे की बारात में मातम की दस्तक, पुलिया से नदी में गिरी कार

Khagaria Road Accident: शादी का दिन हर इंसान की ज़िंदगी का सबसे खुशहाल दिन होता है, ऐसे में गाड़ी का दुर्घटनाग्रस्त हो जाना और नीतीश की जान बच जाना.....

 Nitish Kumar
बाल-बाल बचे नीतीश कुमार- फोटो : Reporter

Khagaria Road Accident: शादी का दिन हर इंसान की ज़िंदगी का सबसे खुशहाल दिन होता है, लेकिन जिले के गोगरी प्रखंड अंतर्गत इटहरी पंचायत के रहने वाले दरोगा दूल्हे राजा नीतीश कुमार के लिए यह दिन एक बुरे सपने की तरह गुजर गया। शादी की खुशी देखते ही देखते हादसे और हाहाकार में बदल गई, जब उनकी कार 40 गाड़ियों की बारात के आगे-आगे चलती हुई अचानक से पुलिया पार करते समय नदी में जा गिरी।

40 गाड़ियों की बारात, पर नहीं थी एक सुरक्षित सड़क

नीतीश कुमार,जो वर्तमान में मधुबनी जिले में दरोगा पद पर पदस्थापित हैं, अपनी शादी के लिए खगड़िया के संसारपुर जा रहे थे। बारात में 40 से ज्यादा वाहन शामिल थे, लेकिन रास्ते में जो खतरा छुपा था, उसने उनकी खुशियों को पल भर में मातम में बदल दिया।जैसे ही उनकी कार भूरिया पुलिया पर चढ़ाव के पास पहुँची, चालक गाड़ी पर से नियंत्रण खो बैठा और कार सीधी पुलिया से नीचे नदी में जा गिरी। कार में दूल्हे राजा के साथ उनके बहनोई और दो छोटे बच्चे भी सवार थे।

गाड़ियों की कतार से बचाव की मशक्कत, बच्चे गंभीर रूप से घायल

बारात की बाकी गाड़ियां पीछे थीं। जैसे ही हादसा हुआ, वहां मौजूद बरातियों ने तत्परता दिखाई और सभी को बाहर निकालने में मदद की। नीतीश कुमार समेत सभी लोग किसी तरह सुरक्षित बाहर निकाले गए, लेकिन दो बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है जिन्हें बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर किया गया है।

बारात नहीं, बेबसी में डूबी सरकार पर फूटा गुस्सा

मौके पर मौजूद लोगों और परिजनों का गुस्सा सातवें आसमान पर था। उन्होंने भूरिया पुलिया की जर्जर स्थिति को हादसे की सबसे बड़ी वजह बताया और सरकार पर जमकर हमला बोला। लोगों ने कहा,"ये पहला हादसा नहीं है, इस पुलिया से कई बार वाहन गिर चुके हैं, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।ग्रामीणों ने बताया कि पिछली बाढ़ में ही इस पुलिया की हालत खराब हो गई थी, और कई बार विधानसभा में इसे पूरा करने की मांग भी उठ चुकी है। लेकिन सरकार ने अब तक सिर्फ आश्वासन ही दिया है।हादसे के बाद ग्रामीणों में साफ नाराजगी देखने को मिली। उन्होंने कहा कि अगर यही हाल रहा तो आगामी विधानसभा चुनाव में इस सरकार को जवाब देना तय है।"अब लोग सिर्फ वोट नहीं देंगे, हिसाब भी लेंगे," - ये स्वर वहां के लोगों की जुबान पर था।

अमित कुमार की रिपोर्ट 

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