क्रेडिट वार के चक्कर में बिहार के उप मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार के बड़े मंत्री होने लगे ट्रोल, “नया ठहराव या पुराना रिस्टोर?
Bihar News: बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के बीच सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं. दोनों नेताओं को लेकर स्थानीय लोग कई किस्म के सवाल उठा रहे हैं. लखीसराय जिले के बड़हिया और मननपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन ठहराव को लेकर इस समय राजनीति गर्म हो गई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की दो अलग-अलग चिट्ठियाँ सामने आने के बाद नेताओं के बीच श्रेय लेने की होड़ शुरू हो गई है।
केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने दिनांक 04 अक्टूबर 2024 को ट्रेन ठहराव के लिए रेल मंत्री को पत्र लिखा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 2 सितंबर 2025 को जवाबी पत्र जारी किया। इसमें कहा गया कि – बड़हिया स्टेशन पर गाड़ी संख्या 13105/13106 का ठहराव बहाल किया गया। मननपुर स्टेशन पर गाड़ी संख्या 12351/12352 हावड़ा–राजेंद्र नगर टर्मिनल एक्सप्रेस का ठहराव स्वीकृत हुआ।
वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने भी इस मुद्दे पर रेल मंत्री को पत्र लिखा। उनका पत्र दिनांक 30 जुलाई 2025 का है। उन्हें भी ट्रेन ठहराव की मंजूरी से संबंधित पत्र जारी हुआ। लेकिन इन सबके बीच ट्रेनों के ठहराव में भी नम्बर एक और ट्रेन का नाम अलग हो गया। इसके बाद यह सवाल उठने लगा कि आखिर असली क्रेडिट किसे दिया जाए।
सोशल मीडिया पर बहस
इसी मुद्दे पर सोशल मीडिया पर ललन सिंह के करीबी सुजीत कुमार ने लिखा – “मुगेर के लोकप्रिय सांसद सह केंद्रीय मंत्री ललन सिंह जी जनता की समस्याओं को प्राथमिकता से उठाते हैं और जब तक उसे मंजिल तक नहीं पहुँचाते, तब तक शांत नहीं बैठते। यही कारण है कि लखीसराय के बड़हिया और मननपुर स्टेशन पर ट्रेन का ठहराव संभव हो पाया।”
10 साल से नई गाड़ी का ठहराव नहीं
सोशल मीडिया पर सौरव कुमार ने बड़हिया स्टेशन की अनदेखी को लेकर लंबा पोस्ट लिखा। इसमें मुख्य बातें रूप से लिखा है कि 10 साल से बड़हिया में नई ट्रेन का ठहराव नहीं हुआ। कोरोना काल में हटाए गए 600 से ज्यादा स्टॉपेज देश भर में बहाल किए गए, लेकिन बड़हिया को लाभ नहीं मिला। ललन सिंह का असली वोट प्रेम मननपुर में देखने को मिला जहाँ ‘सियालदह–बलिया एक्सप्रेस’ का नया ठहराव 1 साल पहले ही दिलवाया। बड़हिया की जनता 12023/12024 जनशताब्दी एक्सप्रेस के ठहराव की मांग कर रही थी, लेकिन उसे नज़रअंदाज़ कर दिया गया। सांसद की ओर से इस दिशा में कभी भी ठोस लिखित पहल नहीं की गई। यहां तक कि छात्रों को MA की पढ़ाई के लिए 50–100 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।
36 घंटे रेल रोकने वालों को भूले
सोशल मीडिया पर मनोरंजन कुमार ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा – बड़हिया आज क्रेडिट वार की वजह से दुर्गति झेल रहा है। दोनों दल साथ मिलकर सत्ता की मलाई खाते हैं, लेकिन जब जनता के हित की बात आती है तो आपस में क्रेडिट वार में उलझकर जनता को विकास से दूर रखने का काम करते हैं।”उन्होंने आगे यह भी कहा कि बड़हिया के लोगों ने खुद अपने दम पर 8 ट्रेनों का स्टॉपेज रेल रोक आंदोलन के जरिए हासिल किया था, न कि किसी चिट्ठी लिखकर। इस संघर्ष के कारण कई लोगों पर केस भी दर्ज हुआ था। आज वही जनता उपेक्षा की शिकार है और नेता सिर्फ श्रेय लेने की राजनीति कर रहे हैं।
कमलेश की रिपोर्ट