ऊर्जा निकासी के लिए बुनियादी ढांचा तैयार, कजरा सौर ऊर्जा संयंत्र का ट्रांसफार्मर और संचरण लाइन सफलतापूर्वक ऊर्जान्वित, बिजली आपूर्ति होगी मजबूत

लखीसराय के कजरा सौर ऊर्जा संयंत्र में 132 केवी संचरण लाइन और 100 एमवीए ट्रांसफार्मर को सफलतापूर्वक शुरू कर दिया गया है। यह देश की बड़ी बैटरी स्टोरेज सौर परियोजनाओं में से एक है, जिससे उपभोक्ताओं को पीक समय में भी 4-5 घंटे अतिरिक्त निर्बाध बिजली मिले

Patna - बिहार के लखीसराय जिले में स्थित कजरा सौर ऊर्जा संयंत्र के विकास में एक मील का पत्थर हासिल कर लिया गया है। संयंत्र से बिजली की निकासी के लिए 132 केवी संचरण लाइन और 100 एमवीए (33/132 केवी) क्षमता वाले पावर ट्रांसफार्मर को सफलतापूर्वक ऊर्जान्वित (Energized) कर दिया गया है।  ऊर्जा विभाग के सचिव और बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक, मनोज कुमार सिंह ने पुष्टि की कि यह कार्य बिहार स्टेट पावर जनरेशन कंपनी और ट्रांसमिशन कंपनी के गहन अनुश्रवण में संपन्न हुआ है।

देश की सबसे बड़ी बैटरी स्टोरेज आधारित सौर परियोजनाओं में से एक

कजरा सौर ऊर्जा संयंत्र न केवल बिहार बल्कि देश की सबसे बड़ी बैटरी स्टोरेज प्रणाली आधारित सौर परियोजनाओं में से एक है। इस प्रणाली की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इससे दिन में तो बिजली मिलेगी ही, साथ ही बैटरी स्टोरेज (BESS) के माध्यम से शाम के पीक आवर्स के दौरान भी 4 से 5 घंटे तक निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। इससे क्षेत्र के उपभोक्ताओं को बिना किसी रुकावट के बिजली मिल सकेगी।

दो चरणों में हो रहा है विशाल सौर पार्क का निर्माण

इस परियोजना को दो चरणों में विभाजित किया गया है, जिसके पूर्ण होने पर बिहार में हरित ऊर्जा का उत्पादन नई ऊंचाइयों पर होगा: जिसके प्रथम चरण में लगभग 1810 करोड़ रुपये की लागत से 185 मेगावाट के सौर संयंत्र के साथ 254 मेगावाट आवर की बैटरी स्टोरेज प्रणाली तैयार की गई है। 

इसी तरह द्वितीय चरण में 1055 करोड़ रुपये की लागत से 116 मेगावाट के सौर संयंत्र और 241 मेगावाट आवर की बैटरी क्षमता का निर्माण किया जा रहा है, जिसे जनवरी 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। परियोजना पूरी होने के बाद इसकी कुल सौर क्षमता 301 मेगावाट और बैटरी स्टोरेज क्षमता 495 मेगावाट आवर हो जाएगी।

बिजली ग्रिड से कनेक्टिविटी

बिजली की सुचारू निकासी के लिए नई संचरण लाइन को ग्रिड उपकेंद्र हवेली खड़गपुर और ग्रिड उपकेंद्र लखीसराय से जोड़ा गया है। ऊर्जा सचिव के अनुसार, यह उपलब्धि राज्य में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।