डीईओ की सास पर मेहरबान शिक्षा विभाग ! पूर्वी चंपारण के माध्यमिक विद्यालय में नियुक्ति अनियमितताओं का आरोप, कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
दामाद डीईओ हैं तो सास पर शिक्षा विभाग मेहरबान है. ऐसा ही आरोप पश्चिम चंपारण की एक महिला शिक्षिका पर लगा है जिन्हें प्रभारी बनाए जाने पर बवाल मचा है.
Bihar Teachers News: शिक्षा क्षेत्र में हाल ही में एक विवादास्पद नियुक्ति प्रक्रिया के चलते पूर्वी चंपारण के मधुबन के श्री विष्णु प्रकाश उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में गहरी चिंता और असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो गई है। आरोप लगाया जा रहा है कि प्रभारी प्रधानाध्यापक के चयन में गंभीर अनियमितताएं हुई हैं, जिससे कर्मचारियों और अभिभावकों में रोष है।
सूत्रों के मुताबिक, इस प्रक्रिया में जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) राजन कुमार गिरी और जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) नित्यम कुमार गौरव पर आरोप है कि उन्होंने शिवहर के डीईओ चंदन कुमार के प्रभाव में आकर नियुक्ति प्रक्रिया को प्रभावित किया है। विशेषज्ञों का दावा है कि यह प्रभाव संभवतः कल्याणी कुमारी के साथ शिवहर डीईओ के व्यक्तिगत संबंधों के कारण हो सकता है, जिन्हें विवादास्पद रूप से प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में नियुक्त किया गया है।
कल्याणी कुमारी, जो शिवहर डीईओ की सास हैं, वर्तमान में कक्षा 9-10 की टी.जी.टी. हिंदी विशिष्ट शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। इस नियुक्ति के दौरान वरिष्ठ और योग्य शिक्षकों, विशेषकर अजय कुमार सिन्हा, जो कक्षा 11-12 पीजीटी इकोनॉमिक्स के शिक्षक हैं, को नज़रअंदाज किया गया है। सिन्हा की वरिष्ठता और योग्यताओं को देखते हुए, उनके अनुचित रूप से दरकिनार किए जाने से नियुक्ति प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
इस मामले पर बातचीत करते हुए, विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षकों ने बताया कि इस तरह के पक्षपातपूर्ण निर्णय न केवल शिक्षक समुदाय के मनोबल को घटाते हैं, बल्कि छात्रों और संस्थान की शिक्षा गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। शिक्षा विभाग से यह उम्मीद की जा रही है कि वे इस मामले की निष्पक्ष जांच कर सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। विभाग के द्वारा शीघ्र कार्रवाई करते हुए निष्पक्ष नियुक्ति प्रक्रिया को अपनाने का आश्वासन देना होगा।
इस संदर्भ में भूपेंद्र भूषण द्वारा शिक्षा विभाग को एक शिकायत पत्र भी भेजा गया है, जिसमें निष्पक्ष और वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति की मांग की गई है। शिकायतकर्त्ता ने शिक्षा विभाग से शीघ्र और उचित कार्रवाई की उम्मीद जताई।
धीरेंद्र की रिपोर्ट