भ्रष्टाचार का 'भूत', मंत्री के उद्घाटन से पहले ही अस्पताल की दरकीं दीवारें , भरभराकर गिरने लगी 'कमीशन' की इमारत

इंजीनियर, ठेकेदार और 'सियासतदानों' के 'कमीशन' के खेल में लगभग 70 लाख रुपये की लागत से बनी यह 'अतरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्र' स्वास्थ्य विभाग को 'हैंडओवर' होने से पहले ही खंडहर में तब्दील होने लगी है।

मंत्री के उद्घाटन से पहले ही अस्पताल की दरकीं दीवारें- फोटो : reporter

Bihar News:  बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने जिस 'अतरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्र' के नवनिर्मित भवन का पूरे तामझाम के साथ 'इफ़्तिताह'  किया था, वही इमारत भ्रष्टाचार का 'नज़राना' बन गई है। इंजीनियर, ठेकेदार और 'सियासतदानों' के 'कमीशन' के खेल में लगभग 70 लाख रुपये की लागत से बनी यह 'अतरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्र', मलाही, स्वास्थ्य विभाग को 'हैंडओवर' होने से पहले ही खंडहर में तब्दील होने लगी है। दीवारों में आधा दर्जन से ज़्यादा 'दरारें' पड़ चुकी हैं, और दरवाजे भी टूटने लगे हैं।

यह 'सनसनीखेज' मामला मोतिहारी जिला के अरेराज प्रखंड के मलाही में नव निर्मित 'अतरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्र' भवन का है। मोतिहारी के सिविल सर्जन (सीएस) और गोविंदगंज के विधायक सुनील मणि तिवारी जब इस 'अतरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्र' भवन का 'मुआयना' (निरीक्षण) करने पहुंचे, तो नवनिर्मित भवन की दीवारों में पड़ी दरारें देखकर 'दंग' रह गए। उन्होंने फ़ौरन संवेदक को फोन कर दीवारों की 'मरम्मत' (ठीक कराने) के निर्देश दिए।

सूत्रों की मानें तो नवनिर्मित भवन की दीवारों में अभी से दरारें पड़ने की वजह से स्वास्थ्य विभाग इसे 'हैंडओवर' लेने में आनाकानी कर रहा है। सीएस और विधायक के 'मुआयने' के बाद ठेकेदार द्वारा इन दरारों को 'पैचिंग' किया जा रहा है। इलाके में यह चर्चा गरम है कि 70 लाख रुपये की लागत से बने इस सरकारी भवन की गुणवत्ता ऐसी है कि बनते ही दीवारों में दरारें पड़ने लगीं, तो इसका 'मुस्तकबिल' (भविष्य) क्या होगा? याद रहे, 19 मई को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने 11.80 करोड़ की लागत से बने जिले के 14 'हेल्थ वेलनेस सेंटर' का 'फीता काटकर' और 'रिमोट का बटन दबाकर' उद्घाटन किया था।

मोतिहारी के मलाही में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाया गया यह 'अतरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्र' भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। नवनिर्मित उप स्वास्थ्य केंद्र स्वास्थ्य विभाग के 'हैंडओवर' होने से पहले ही दीवारों में कई जगह 'फूट' (दरार) आ गई है। सूत्रों की मानें तो कई 'दबावों' के बावजूद जब स्वास्थ्य विभाग नवनिर्मित भवन की दुर्दशा देखकर 'हैंडओवर' लेने में आनाकानी कर रहा था, तब सीएस और स्थानीय भाजपा विधायक ने कुछ दिन पहले लगभग 70 लाख की लागत से बने 'अतरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्र' का 'मुआयना' किया। 'मुआयने' में नवनिर्मित भवन की दीवारों में कई जगह दरारें मिलीं, और तो और, 'एस्टीमेट' के अनुसार ब्रांड का एसी भी नहीं लगाया गया था। विधायक ने 'एस के इंटरप्राइजेज' के ठेकेदार को फोन कर दरार पड़े दीवारों को ठीक कराने सहित कई निर्देश दिए।

वहीं, स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की मानें तो पीएचसी प्रभारी द्वारा गठित 5 सदस्यीय टीम ने नवनिर्मित भवन में भारी 'अनियमितताएं' पाईं। नवनिर्मित भवन की दीवारों में आधा दर्जन जगहों पर दरारें पाई गईं। संवेदक को दिखाने पर आनन-फानन में दरारों को 'पैचिंग' किया गया, जिसकी गुणवत्ता संतोषजनक नहीं पाई गई। वहीं, बिल्डिंग में लगा एक दरवाजा भी टूटा मिला। जांच टीम ने भवन और सामग्री की गुणवत्ता की जांच कराने की 'सिफ़ारिश' भी की है। नवनिर्मित भवन में दरारें पड़ने की खबर इलाके में 'अवामी' चर्चा का सबब बनी हुई है। सोशल मीडिया पर भी 'जितनी मुह उतनी बात' कही जा रही है।

बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने 19 मई को मोतिहारी के अरेराज रढ़िया में बने 'हेल्थ वेलनेस सेंटर' का 'फीता काटकर' उद्घाटन किया था, और नवनिर्मित भवन का 'मुआयना' भी किया था। उसी 'इफ़्तिताह' के बाद रिमोट का स्विच दबाकर जिले के नव निर्मित 14 'हेल्थ वेलनेस सेंटर' का भी उद्घाटन किया गया था। स्वास्थ्य मंत्री जी द्वारा जिले में 11.80 करोड़ की लागत से बने 'हेल्थ वेलनेस सेंटर' का उद्घाटन किया गया था, वहीं 9.42 करोड़ की लागत से 22 उप स्वास्थ्य केंद्रों का 'शिलान्यास' किया गया था। इन सबके बावजूद, जिस 'हेल्थ वेलनेस सेंटर' का मंत्री जी द्वारा 'फीता काटकर' उद्घाटन किया गया था, उस भवन का जब निरीक्षण किया गया तो पता चला कि संवेदक व इंजीनियर ने मंत्री जी की आंखों में धूल झोंक दी थी। उसी बिल्डिंग की ऊपरी मंजिल पर बिना 'वालपुटी' किए ही पेंट कर दिया गया था।

रिपोर्ट- हिमांशु कुमार