Motiharari News:खुला खेल फर्रुखाबादी, PM आवास योजना में भ्रष्टाचार! रिश्वत लेते आवास सहायक का वीडियो वायरल

Motiharari News:अगर हर योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती रही तो गरीबों को कभी भी उनका हक नहीं मिलेगा। योजना के नाम पर गरीबों से पैसे वसूलना बेहद शर्मनाक है ....

PM housing scheme
:खुला खेल फर्रुखाबादी- फोटो : Reporter

Motiharari News:  मोतीहारी जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना  को लेकर एक बड़ा और शर्मनाक मामला सामने आया है। गरीबों को पक्के मकान दिलाने के उद्देश्य से शुरू की गई इस महत्वाकांक्षी योजना में भारी भ्रष्टाचार की पोल खुल रही है। ताज़ा मामला चिरैया प्रखंड के बलराम पंचायत से जुड़ा है, जहां एक आवास सहायक का वीडियो 20 हज़ार रुपये रिश्वत लेते हुए सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

गरीबों की योजना चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गरीबों को आवास देने के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना में अब भ्रष्टाचार की जड़ें गहराती जा रही हैं। वायरल वीडियो में यह स्पष्ट देखा जा सकता है कि आवास सहायक भरत भूषण नामक कर्मचारी लाभार्थी टूनटून सिंह से 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते नजर आ रहा है। यह रिश्वत योजना की प्रथम किस्त जारी करने के एवज में ली जा रही थी, जिसकी कुल राशि मात्र 40 हजार रुपये है।

वीडियो में क्या दिख रहा है?

वायरल वीडियो में आवास सहायक बिना किसी भय के लाभार्थी के दरवाजे पर बैठकर रिश्वत की रकम ले रहा है। वह लाभार्थी से पैसे लेकर उन्हें अपनी शर्ट के अंदर रखे पैकेट में छिपाता है। बातचीत भी रिकॉर्ड हुई है, जिसमें दोनों के बीच स्पष्ट रूप से रकम के लेन-देन की बात हो रही है। यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड कर रहा है और लोग अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। अधिकांश लोगों का यही सवाल है – जब पहली किस्त में ही आधे पैसे रिश्वत में चले जाएंगे तो गरीब अपना घर कैसे बनाएगा?

अधिकारियों की चुप्पी

इस गंभीर मामले पर अब तक कोई ठोस बयान या प्रतिक्रिया जिला प्रशासन या वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से सामने नहीं आया है। वायरल वीडियो पर समाचार पोर्टल न्यूज़4नेशन ने भी यह स्पष्ट किया है कि वे वीडियो की पुष्टि नहीं करते हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर यह तेजी से फैल रहा है।

व्यापक भ्रष्टाचार की ओर इशारा

स्थानीय लोगों और जानकारों का कहना है कि यह सिर्फ एक मामला नहीं है। अगर जिले के सभी प्रखंडों की पीएम आवास योजना की गहराई से जांच की जाए, तो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आ सकता है। जनप्रतिनिधियों से लेकर निचले स्तर के कर्मचारियों तक, सबका ‘कमीशन रेट’ पहले से तय होता है। प्रथम किस्त मिलते ही लाभार्थियों से 20 से 30 हज़ार रुपये तक की वसूली की जा रही है। कुछ मामलों में तो यह भी कहा जा रहा है कि बिना रिश्वत दिए किसी भी लाभार्थी को योजना का लाभ नहीं मिल रहा।

क्या कहता है समाज?

सोशल मीडिया पर लोग इस घटना की तीखी आलोचना कर रहे हैं। यूजर्स का कहना है कि अगर हर योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती रही तो गरीबों को कभी भी उनका हक नहीं मिलेगा। योजना के नाम पर गरीबों से पैसे वसूलना बेहद शर्मनाक है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी जनकल्याणकारी योजना का इस तरह से दुरुपयोग होना बेहद चिंताजनक है। वायरल वीडियो ने पूरे सिस्टम की सच्चाई सामने ला दी है। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस पर क्या सख्त कदम उठाते हैं। अगर इस मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो ऐसी योजनाएं सिर्फ कागज़ों तक सीमित रह जाएंगी और गरीबों के सपने अधूरे रह जाएंगे।

रिपोर्ट- हिमांशु कुमार

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