Bihar News : मुजफ्फरपुर में चार लोगों के सुसाइड मामले में अधिकारियों की लापरवाही, प्रखंड कार्यालय से पहुँचने में बज गए बारह

MUZAFFARPUR : मुजफ्फरपुर से दिल दहला देने वाली चार लोगों के सुसाइड मामले में प्रखंड कार्यालय के अधिकारी की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां प्रखंड कार्यालय से 4 किलोमीटर की दूरी तय करने में अधिकारियों को करीब 6 घंटे लग गए और घटना देर रात की है जबकि इतनी बड़ी घटना होने के बाद साहब पीड़ित परिवार के पास 12 बजे पहुंचे।  

दरअसल देर रात मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र के रूपन पट्टी मथुरापुर पंचायत के नवलपुर मिश्रौलिया गांव के वार्ड संख्या चार निवासी अमरनाथ राम पहले अपने पांचो बच्चों को घर में लगे फंदे पर लटका कर खुद फंदे से झूल गया। इस घटना में अमरनाथ राम और उनकी तीन पुत्री की मौत हो गई। जबकि दोनों मासूम बेटे की जान बच गई। वही इस घटना की सूचना आस पास के लोगों को जैसे ही मिली। इलाके में हड़कंप मच गया। 

मामले की सूचना मिलते ही सकरा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और फिर मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएसपी ईस्ट टू मनोज कुमार वरीय पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार और तिरहुत रेंज के डीआईजी जयंतकांत समेत तमाम पुलिस महकमे के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच की। लेकिन सकरा प्रखंड कार्यालय जो की घटनास्थल से महज चार किलोमीटर की दूरी पर है। वहां से प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी को घटनास्थल पर पहुंचने में 12 बज गए।  

अब सवाल यह खड़ा होता है की एक परिवार में चार लोगों की मौत दो मासूम बच्चे जो इस हादसे में बच गए। अब वह बिल्कुल अनाथ है। क्योंकि मां की पहले ही मौत हो चुकी है और अब पिता और बहन का साया भी उनके ऊपर से उठ चुका है। ऐसे में जिला प्रशासन का दायित्व बनता है की वह मौके पर पहुंच पीड़ित परिवार की सुध ले और जो तत्काल सरकार द्वारा सहायता प्रदान की जाती हैं। वह पीड़ित परिवार को मुहैया कराये। साथ ही जो दो मासूम हादसे में बच गए हैं। उनके भरण पोषण का व्यवस्था करे। लेकिन जब साहब को घटनास्थल पर पहुंचने में 12 बज गया तो वह पीड़ित परिवार की क्या सुध ले पायेंगे। 

मुज़फ्फरपुर से मणिभूषण की रिपोर्ट