कार्यपालक सहायकों का नीतीश सरकार के खिलाफ कैंडल मार्च निकालकर विरोध, 11 सूत्री मांग नहीं माना तो ...

बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ ने अपने 11 सूत्री मांगों के समर्थन में नालंदा में कैंडल मार्च निकालकर नीतीश सरकार विरोध जताया.

Executive assistants protest in Nalanda - फोटो : news4nation

Bihar News: बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ के आह्वान पर नालंदा जिले के सभी विभागों और कार्यालयों में कार्यरत कार्यपालक सहायकों ने अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन के तीसरे दिन शुक्रवार, 5 सितंबर 2025 को कैंडल मार्च निकाला। यह मार्च शाम 6 बजे बिहार शरीफ प्रखंड कार्यालय से शुरू होकर अस्पताल चौराहा तक गया। कैंडल मार्च सिर्फ एक विरोध कार्यक्रम नहीं , बल्कि सरकार की उपेक्षा, BPSM की निष्क्रियता और लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर गहरी नाराजगी का प्रतीक बना। मार्च में बड़ी संख्या में कार्यपालक सहायकों ने भाग लिया और सरकार से जल्द से जल्द न्यायोचित मांगों को पूरा करने की अपील की।


11 सूत्री मांग 

संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित राज ने मीडिया को बताया कि 3 सितंबर से चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि कार्यपालक सहायकों की 11 सूत्री मांगों में सेवा स्थायीकरण, राज्यकर्मी का दर्जा, सातवें वेतन आयोग के अनुरूप वेतनमान, आकस्मिक मृत्यु पर अनुकंपा नियुक्ति और 40 लाख रुपए का उपदान शामिल हैं।


10 सितंबर 2025 तक डेडलाइन 

उन्होंने यह भी बताया कि कार्यपालक सहायकों की नौकरी में स्थायित्व नहीं है और न ही उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा मिला है, जिससे वे सामाजिक और आर्थिक रूप से लगातार असुरक्षित बने हुए हैं। संघ ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 10 सितंबर 2025 तक उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं होती है, तो वे दो कार्य दिवस तक सामूहिक अवकाश लेंगे। इसके बाद भी अगर सरकार का रवैया टालमटोल भरा रहता है तो संघ अनिश्चितकालीन हड़ताल की ओर कदम बढ़ाएगा।

जमकर लगाए नारे 

कैंडल मार्च के दौरान कार्यपालक सहायकों ने तख्तियाँ और पोस्टर लेकर सरकार की नीतियों के खिलाफ नारे लगाए और मांगों को दोहराया। गौरतलब है कि कार्यपालक सहायक राज्य के विभिन्न विभागों में वर्षों से कार्यरत हैं, लेकिन आज तक उन्हें स्थायी सेवा का दर्जा नहीं मिल पाया है।