Bihar Fire:पटाखों की चिंगारी से कबाड़ी की दुकान में भीषण आग, दहशत में लोग, लाखों का हुआ नुकसान

दीपावली की रात फोड़े गए पटाखों की चिंगारी ने आग का बिगुल फूंक दिया। आग लगने के समय दुकान से पटाखों जैसी तेज धमाके की आवाजें भी सुनाई दीं

पटाखों की चिंगारी से कबाड़ी की दुकान में भीषण आग- फोटो : reporter

Bihar Fire: नालंदा के  हिलसा थाना क्षेत्र के हिलसा बाजार में एक कबाड़ी की दुकान अचानक आग की लपटों में घिर गई। आग इतनी भीषण थी कि कुछ ही मिनटों में पूरा कबाड़ी का अड्डा जलकर राख हो गया। आसपास के इलाके में अफ़रा-तफ़री का माहौल बन गया और लोगों में दहशत का माहौल फैल गया।

स्थानीय सूत्रों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दीपावली की रात फोड़े गए पटाखों की चिंगारी ने आग का बिगुल फूंक दिया। आग लगने के समय दुकान से पटाखों जैसी तेज धमाके की आवाजें भी सुनाई दीं, जिससे आसपास के लोग घरों और दुकानों से बाहर निकल आए। लोग आग की लपटों को देखकर भयभीत हो गए और कुछ ने तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी।

सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियाँ घटनास्थल पर पहुंचीं। दमकलकर्मियों ने बड़ी मेहनत और मशक्कत से आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक दुकान में रखा अधिकांश सामान जलकर राख हो चुका था। दुकान मालिक और आसपास के लोग आग की भयानक विभीषिका देखकर हतप्रभ रह गए।

पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर मुआयना शुरू कर दिया है और आग लगने के वास्तविक कारणों की तह तक जांच कर रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार यह घटना किसी आकस्मिक हादसे की तरह लग रही है, लेकिन पुलिस संभावित लापरवाही और सुरक्षा मानकों की भी पड़ताल कर रही है।

मौके पर मौजूद लोग बताते हैं कि कबाड़ी की दुकान में रखा सामान, पुराने फर्नीचर और अन्य घरेलू वस्तुएँ आग की भेंट चढ़ गईं। आग ने न केवल दुकानदार को लाखों रुपये का नुक़सान पहुँचाया, बल्कि आसपास के व्यवसायियों और राहगीरों में भी भारी खौफ़ पैदा कर दिया।

हिलसा थाना के अधिकारियों ने आग लगने की घटना को गंभीरता से लेते हुए पूरे मामले की छानबीन तेज़ कर दी है। वहीं स्थानीय प्रशासन ने आगजनी की इस घटना को देखते हुए आस-पास के इलाकों में सुरक्षा और सतर्कता बढ़ा दी है।

दीपावली की रात पटाखों की चिंगारी से हुई इस भीषण आग ने नालंदा के हिलसा बाजार में एक बार फिर आग और अफ़रा-तफ़री का माहौल पैदा कर दिया। अब सभी की निगाहें पुलिस और प्रशासन की जांच पर टिकी हैं कि कैसे यह हादसा हुआ और भविष्य में इसे रोकने के लिए क्या क़दम उठाए जाएँ।


रिपोर्ट- राज पाण्डेय