Bihar politics - सम्मान बेचकर राजबल्लभ यादव का परिवार राजनीति नहीं करता, राजद विधायक विभा देवी ने तेजस्वी को सुना दिया, लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे का खोल दिया बड़ा राज

Bihar politics - नवादा राजद में लगातार विरोध बढ़ रहा है। विधायक विभा देवी ने साफ कर दिया है उनका परिवार अपना सम्मान बेचकर राजनीति नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कुछ लोग मेरे परिवार पर झूठा आरोप लगा रहे हैं।

Nawada - बिहार के नवादा में राजद विधायक विभा देवी ने एक बार फिर से तेजस्वी यादव पर हमला कर दिया है और एक पत्र लिखा है। विधायक ने कहा है कि आपके एवं आपके कुछ रिश्तेदारों समेत छाया की तरह आपके साथ रहने वाले कुछ समाज सुधारक नेताओं द्वारा इधर कुछ वर्षों से मेरे एवं मेरे परिवार के ऊपर बिल्कुल झूठा आरोप लगाया जा रहा है और मेरे लिए सम्मानित पूजनीय परिवार के बारे में आम लोगों के बीच गलत जानकारी बांटी जा रही है जो घोर निंदनीय है। 

मैं एक बात साफ कर देना चाहती हूं कि मैं अपना सम्मान बेच कर राजनीति करने नहीं आई हूँ.कोई भी विधायकी या संसदीय पद तब तक ही अच्छा लगता है जब तक उस पर किसी तरह का कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं हो और जनता को ठगने या झूठ बोलने का उसपर कोई आरोप नहीं लगा हो मेरी गलती तो बस इतना ही है कि अंतिम बार जब सरकार बनाने - बिगाड़ने का राजीनीतिक खेल चल रहा था उस समय मुझसे भारी धनराशि की मांग आपके साथ  रहने वाले समाज सुधारक नेताओं द्वारा की गई थी ।

मैंने पाला नहीं बदला

 मैं इस मांग को पूरा करने में बिलकुल असमर्थ थी परंतु यह भी सत्य है कि विधायक प्रहलाद यादव ,  विधायक नीलम देवी और आनंद मोहन जी के पुत्र विधायक चेतन आनंद की तरह मैंने कोई पाला नहीं बदला जबकि दर्जनों नेता मुझसे आकर मिले और प्रकाश वीर के साथ पाला बदलने के लिए तरह-तरह का प्रलोभन दिया गया लेकिन हम दोनों विधायक आपकी पार्टी के साथ खड़े रहे । मेरी यही गलती थी कि आपको गलत काम करने के लिए भारी धनराशि उपलब्ध नहीं करा सकी । मेरे पास इतनी धनराशि थी भी नहीं क्योंकि आप जानते हैं कि मेरे पति वर्षों से जेल में बंद हैं । 

मेरे पास करोड़ों रुपए नहीं हैं

 कभी किसी से घुस नहीं लेती और न ही भ्रष्टाचार करने की कभी आदत रही है । मैं करोड़ों रुपये का इंतेजाम कहाँ से कर सकती थी ?   मैं और विधायक प्रकाश वीर वगैर किसी प्रलोभन में आए अपने धर्म और कर्तव्य की रक्षा करते हुए आपके जैसे व्यक्ति के साथ खड़ी रही आपसे मेरा एक सवाल है श्रीमान कि लोकसभा चुनाव के पहले जब पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद जी के प्रयास से मेरे पति राजबल्लभ प्रसाद को दो बार पैरोल मिला । 

यह पेरौल   95 साल की बुजुर्ग माताजी के इलाज और परिवार में बंटवारा के लिए मिला था। इसी पैरोल के दौरान एक दिन रात के नौ बजे लालू प्रसाद जी से राजबल्लभ प्रसाद मिले थे , मैं और मेरा भगिना मनोज कुमार साथ में थे  सवा घंटे की मुलाकात में श्रीमान आप भी एक घंटा उपस्थित रहे थे । इस दौरान क्या बात हुई थी क्या जनता को बताएंगे ? उस समय वहां पहले से एक बुजुर्ग बैठे हुए थे जो शायद डॉक्टर साहब के नाम से जाने जाते थे. लालू प्रसाद जी ने उनके बारे में पूछा भी कि इन्हें भी अलग बिठा दिया जाय क्या ? तो राजबल्लभ जी ने कहा नहीं क्योंकि सिर्फ शिष्टाचार मुलाकात करनी थी।

राजनीति में परिवार नहीं होगा सक्रिय

श्रीमान आपने लोकसभा चुनाव के बारे में चर्चा शुरू किया था । मेरे पति राजबल्लभ प्रसाद ने साफ शब्दों में इनकार किया था कि आगे भविष्य में राजनीति में मेरा परिवार सक्रिय नहीं रहेगा । मेरे परिवार का मतलब मैं विभा देवी और मेरे दोनों पुत्र होता है यह बताने की जरूरत नहीं है ।

राजबल्लभ ने की थी लालू यादव से मुलाकात

उन्होंने यह भी कहा कि मुझे वोट देने का भी व्यक्तिगत अधिकार नहीं है , मैं जेल में बंद हूं और निचली अदालत से सज़ावार हूँ  राजबल्लभ प्रसाद लालू प्रसाद जी से मुखातिब होकर यह स्पष्ट रूप से कहा था कि मैं इतने वर्षों तक आपका साथ रहा आप जानते हैं कि बढ़िया नेता बनने के लिए पांच तरह का गुण होना नितांत आवश्यक है। पहला झूठ बोलने की कला आता हो , दूसरा   जनता को ठगने में माहिर हो , तीसरा भाई-भाई को लड़ाने में माहिर हो , चौथा घूस लेने में माहिर हो और पांचवा गुण बड़े नेताओं की खुशामद करके खुश रखना जानता हो । 

श्रीमान आप जानते हैं कि ईन सब गुणों का व्यक्तिगत रूप से मुझ में अभाव है । मैं अगर बड़े नेताओं का गुणगान और खुशामद करूंगा तो आम पब्लिक का और क्षेत्र का विकास मैं नहीं कर सकता या कोई भी नहीं कर सकता । मैं विधायक / सांसद बनकर या बनवाकर आम जनता के कल्याण और विकास के बीच में क्यों बाधक बनूं। तब श्रीमान आपने कहा कि हम लोग नवादा लोकसभा  का चुनाव कैसे जीतेंगे , क्योंकि इस बार एक-एक सीट पर वन टू वन फाइट होगा।  तब श्री राजबल्लभ प्रसाद ने कहा था कि वैसे उम्मीदवार को भेज दीजिएगा जो इन पांचो गुणों में थोड़ा कम हो । ऐसे उमीदवार को मेरे लोग पूरी ताकत के साथ सभी तरह का सहयोग करेंगे ।

किसके उम्मीदवार थे विनोद यादव

श्रीमान , जनता को सच-सच बताइएगा । क्या विनोद यादव राजबल्लभ प्रसाद का उम्मीदवार था या मैंने उनके लिए कोई पैरवी की ? विनोद यादव वास्तव में आपका उम्मीदवार थे।लालू प्रसाद जी के उम्मीदवार थे ।आपने उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया शुरू होने के वक्त ही फोन करके पूछा था कि किसको उम्मीदवार बनाना है   तो राजबल्लभ प्रसाद जी ने स्पष्ट बोल दिया था कि मेरा कोई उम्मीदवार नहीं है। मैं इस पर कोई विचार किसी को नहीं दिया है। 

तब आपने ही कहा था कि विनोद जी साल-दो साल से क्षेत्र में घूम रहे हैं तो क्या मैं या राजबल्लभ प्रसाद उनका विरोध करके अपने घर में ही लड़ाई शुरू कर देते ? आखरी समय में विनोद जी का टिकट आपने  किस आधार पर काटा ये सारे लोग जानते हैं क्योंकि हजारों लोग वहां आपके आवास पर पहुंचे हुए थे जिसमें नवादा के लोग भी शामिल थे। 

सरवन कुशवाहा के ट्रॉली बैग में क्या था, सभी को पता है

नवादा के लोगों ने यह भी खुली आंखो से देखा कि श्री सरवन कुशवाहा कितना बड़ा ट्रॉली बैग में कौन सा सर्टिफिकेट या दस्तावेज भर कर ले गए थे ? मूल रूप से आज का यही एक सवाल है कि विनोद यादव किसके उम्मीदवार थे और उनकी उम्मीदवारी को क्यों कैंसिल किया गया था ? आज तक मैंने , मेरे जेठ स्व कृष्णा प्रसाद ने , स्वर्गीय जेहल प्रसाद जी ने अथवा जेल में बंद राजबल्लभ प्रसाद जी ने वोट का सौदा कभी नहीं किया। 

यह राघोपुर नहीं है

यह राघोपुर नहीं है जहां एक-एक दिन में करोड़ों रुपये बांटा जाता है । यह मैं इसलिए बोल रही हूं कि हमारा सैकड़ो परिवार उस क्षेत्र का निवासी है और एक-एक बात मैं जानती हूं । यह नवादा है श्रीमान , जिस दिन 50 साल से नीचे के नौजवानों को इन करतूतों की जानकारी होगी तो आपके नवादा वाले रिश्तेदार का क्या पोजीशन रहेगा उसका तो भगवान नहीं जनता जनार्दन ही मलिक होगा । अंत में आज का यही एक सवाल दुहराउंगी कि वास्तव में लोकसभा चुनाव में विनोद यादव किसका उम्मीदवार थे ? यह लेटर तेजस्वी यादव को जारी किया गया है।

रिपोर्ट - अमन सिन्हा