Bihar School News: बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के माता पिता को अब देना होगा हिसाब,हेडमास्टर साहेब जान लें...

पटना के सरकारी स्कूलों में साइकिल, पोशाक और छात्रवृत्ति की योजनाओं का लाभ पाने वाले छात्रों के माता-पिता को शपथपत्र देना होगा। शिक्षा विभाग ने योजनाओं के लाभ का दुरुपयोग रोकने के लिए यह कदम उठाया है।

Bihar School News: बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के माता पिता को अब देना होगा हिसाब,हेडमास्टर साहेब जान लें...
सरकारी स्कूलों में छात्रों- फोटो : social media

Bihar School News: पटना के सरकारी स्कूलों में छात्रों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने की प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है। अब उन योजनाओं का लाभ पाने वाले छात्रों के माता-पिता को शपथपत्र देना होगा। शपथपत्र में यह उल्लेख करना होगा कि साइकिल, पोशाक, और छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं के तहत प्राप्त राशि को किस उद्देश्य के लिए खर्च किया गया।

योजनाओं का दुरुपयोग रोकने का कदम

शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है क्योंकि निरीक्षण के दौरान यह जानकारी मिली कि छात्रों को दिए गए पैसों का सही उपयोग नहीं हो रहा है। कई मामलों में देखा गया कि छात्रों के लिए खरीदी गई साइकिल का उपयोग उनके परिवार के अन्य सदस्य कर रहे हैं, जबकि ड्रेस के अभाव में छात्र सही समय पर स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसके साथ ही, कई परिवारों ने छात्रवृत्ति के पैसे का भी सही तरीके से उपयोग नहीं किया है।

शपथपत्र में देना होगा खर्च का विवरण

माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेंद्र सिंह ने इस बारे में बताया कि अब छात्रों के माता-पिता को विभिन्न योजनाओं के तहत दी गई राशि के खर्च का हिसाब देना होगा। इसके लिए अभिभावकों को शपथपत्र देना अनिवार्य किया गया है, जिसमें यह जानकारी देनी होगी कि साइकिल, पोशाक और छात्रवृत्ति की राशि कहां खर्च की गई।

शिक्षा विभाग करेगा डाटा अपडेट

शिक्षा विभाग द्वारा योजनाओं के तहत छात्रों को दी गई राशि का डेटा अपडेट किया जाएगा। इसके अलावा, इस राशि का उपयोग किस मद में किया गया, इसका अलग-अलग रिकॉर्ड भी रखा जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्रों को योजनाओं का सही लाभ मिल रहा है।

इस कदम का उद्देश्य छात्रों को मिलने वाले लाभों के दुरुपयोग को रोकना और उनकी शिक्षा को बेहतर बनाना है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जो राशि उन्हें दी जा रही है, वह सही स्थान पर खर्च हो रही है और उनके शैक्षणिक विकास में मदद कर रही है।

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