bihar new township - बिहार में 11 नए शहर किए जाएंगे विकसित, 40 साल बाद सरकार ने नए सैटेलाईट टाउनशिप योजना को दी मंजूरी

bihar new township - बिहार सरकार चुनाव में किए अपने वादों को पूरा करने में लग गई है। सरकार ने 11 नए शहर विकसित करने के प्रोजेक्ट को अपनी मंजूरी दे दी है।

Patna - नगर विकास एवं आवास मंत्री नितिन नवीन की अध्यक्षता में विभागीय कार्यालय में आयोजित बैठक में सैटेलाईट टाउनशिप योजना की रूपरेखा और क्रियान्वयन रणनीति पर चर्चा हुई। इस संबंध में माननीय मंत्री ने कहा कि राज्य के प्रमुख शहरों की बढ़ती जनसंख्या और आवश्यकताओं को देखते हुए राज्य में नियोजित, पर्यावरण-सम्मत एवं आधुनिक टाउनशिप के विकास की आवश्यकता है।

 इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य में सुनियोजित एवं गुणवत्ता युक्त शहरी विकास हेतु 11 शहरों जिनमें 09 प्रमंडलीय मुख्यालय शहर, सोनपुर एवं सीतामढ़ी (सीतापुरम) में नये सैटेलाईट टाउनशिप / ग्रीनफिल्ड टाउनशिप का विकास करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना को मंजूरी देने के लिए मैं माननीय मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त करता हूँ।

मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि बिहार के शहरीकरण को राष्ट्रीय मानक तक ले जाना हमारी प्राथमिकता है। सैटेलाईट टाउनशिप का विकास करना इस ओर उठाया गया एक महत्वपूर्ण निर्णय है। पिछले 40 वर्षों में पाटलिपुत्र एवं कंकड़बाग के बाद पहली बार 11 नये शहरों को विकसित किया जायेगा। इसे लेकर आज विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की गयी है ।

मिलेगी यह सुविधाएं

मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि यह पहल राज्य में शहरीकरण को संतुलित करने, प्रमुख शहरों पर जनसंख्या दबाव को कम करने और बेहतर बुनियादी अवसंरचना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है। इन सैटेलाइट शहरों में ट्रैफिक प्रबंधन, जल निकासी, कचरा निपटान, हरे-भरे पार्कों और आवासीय क्षेत्रों पर खास जोर दिया जाएगा। 

सोनपुर-सीतामढ़ी सहित यहां विकसित होंगे नए शहर

यह सैटेलाइट सिटी परियोजना ग्रीनफील्ड टाउनशिप मॉडल पर आधारित होगी। प्रस्तावित टाउनशिप में नौ प्रमंडल मुख्यालय ( पटना, मुज़फ्फरपुर, भागलपुर, गया, दरभंगा, मुंगेर, सारण, सहरसा और पूर्णिया) शामिल हैं, इसके साथ ही सीतामढ़ी (मां जानकी की जन्मस्थली) और पटना-सोनपुर बेल्ट में भी नए विकसित शहर होंगे। 

हर जिले में प्रशासकीय समितियां

विविद हो कि इस योजना अंतर्गत हर जिले में प्रशासकीय समितियाँ बनाई जाएँगी जिनमें भूमि अधिग्रहण अधिकारी, शहरी योजनाकार, राजस्व और भूमि सुधार विभाग के प्रतिनिधि शामिल होंगे। ये समितियाँ टाउनशिप की रूपरेखा, सीमाओं, सार्वजनिक सुविधाओं और भूमि पुनर्वितरण की नीतियों की निगरानी करेंगी। इस योजना के अंतर्गत, भूमि पूलिंग पॉलिसी को लागू किया जाएगा, जिससे भूमि स्वामी भी लाभान्वित होंगे। भूमि मालिकों को विकसित भूमि पर सार्वजनिक उपयोगीय संरचनाएं, सड़कें और सामाजिक बुनियादी ढांचा तैयार कर मिलेगा।