Bihar Politics: ओवैसी को महागठबंधन से झटका, RJD से प्रस्ताव ठुकराने के बाद AIMIM बोली—उदारता को कमजोरी न समझे, अब थर्ड फ्रंट से होगी लड़ाई!
AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने भी पलटवार में तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हमारी सियासी उदारता को हमारी कमजोरी मत समझिए। अगर हमारा प्रस्ताव खारिज किया गया है तो ‘थर्ड फ्रंट ज़िंदाबाद’। ...
Bihar Politics: बिहार की सियासी जमीन पर फिर से एक नई खींचतान ने जन्म ले लिया है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की तरफ से महागठबंधन में शामिल होने के प्रस्ताव को राष्ट्रीय जनता दल ने ठुकरा दिया है। इससे पहले ओवैसी की पार्टी ने लालू प्रसाद यादव को एक राजनीतिक चिट्ठी लिखकर सेक्युलर वोटों की एकता की दुहाई देते हुए एकजुट होकर चुनाव लड़ने की अपील की थी।लेकिन शुक्रवार को RJD सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने प्रस्ताव को यह कहकर खारिज कर दिया कि, “ओवैसी साहब का जनाधार हैदराबाद में है। कभी-कभी चुनाव न लड़ना भी सबसे बड़ी मदद होती है। अगर वाकई बीजेपी को हराना है तो बिहार की सियासत में दखल न दें।”मनोज झा ने यह भी कहा कि अगर सच में नफ़रत और अधिनायकवाद से लड़ना है तो जरूरी नहीं कि हर मैदान में उतरना ही एकमात्र रास्ता हो।
AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने भी पलटवार में तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हमारी सियासी उदारता को हमारी कमजोरी मत समझिए। अगर हमारा प्रस्ताव खारिज किया गया है तो ‘थर्ड फ्रंट ज़िंदाबाद’। हम अन्य दलों से बातचीत कर रहे हैं, और विकल्प खुले हैं।”
कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधते हुए कहा कि “जिसने प्रस्ताव भेजा और जिसे भेजा, वही जवाब दें।”
वहीं जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी इस पर तंज कसते हुए कहा, “क्या ओवैसी अपने पुराने बयानों पर टिकेंगे? याद दिला दूं कि RJD ने AIMIM के चार विधायक तोड़ लिए थे। राजद बिना दान-जकात के कोई सियासी सौदा नहीं करता। लालू गेट बिना चढ़ावे के नहीं खुलता।”
अब साफ है कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय नहीं, चतुष्कोणीय होता नज़र आ रहा है—महागठबंधन, NDA, AIMIM का संभावित थर्ड फ्रंट और जन सुराज की रणनीति…सियासत की बिसात बिछ चुकी है, अब चालें शतरंज की नहीं, ज़ुबानों की तलवार से खेली जाएंगी।