Bihar Politics: अमति शाह का बिहार दौरा आज, बंद कमरे में सीएम नीतीश से करेंगे मुलाकात, दिल्ली में नहीं बनी बात, जानिए अब कैसे तय होगा मंत्रिमंडल का फॉर्मूला?

Bihar Politics: बिहार में नई सरकार के गठन को लेकर सियासी सरगर्मी हाई है। दिल्ली में अमति शाह और जदयू के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद भी बात नहीं बनी है। कई विभाग और स्पीकर पद को लेकर एनडीए में पेंच फंसा हुआ है।

अमित शाह और सीएम नीतीश की बैठक - फोटो : social media

Bihar Politics:  बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद अब नई सरकार की गठन को लेकर गतिविधियां तेज है गई है। मिली जानकारी अनुसार आज यानी बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह पटना दौरे पर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार के साथ उनकी बैठक में मंत्रियों के नाम, विभागों के बंटवारे और विधानसभा अध्यक्ष को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

अमित शाह आज आएंगे बिहार 

इससे पहले मंगलवार को दिल्ली में जदयू के ललन सिंह और संजय झा ने अमित शाह के साथ करीब तीन घंटे तक चर्चा की। बैठक में विभागों के बंटवारे और स्पीकर पद को लेकर सहमति नहीं बन पाई। बता दें कि, नीतीश कुमार गुरुवार को 10वीं बार सीएम पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे। हालांकि मंत्रिमंडल की सूची अब तक अंतिम रूप नहीं ले पाई है। जदयू अपने अधिकतर पुराने मंत्रियों पर भरोसा बनाए रख सकती है, जबकि बीजेपी बड़े पैमाने पर बदलाव की तैयारी में है।

JDU-BJP दोनों को चाहिए स्पीकर पद

सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार स्पीकर पद को लेकर जदयू और बीजेपी में खींचातानी देखने को मिल रही है। दोनों ही पार्टी स्पीकर पद अपने पास रखना चाहती है। दरअसल, इस बार दोनों दल संख्या के मामले में करीब हैं जदयू को 85 तो भाजपा को 87 सीट मिले हैं। ऐसे में दोनों ही पार्टी स्पीकर पद को लेकर दावा ठोक रही हैं। बता दें कि, 2010 तक स्पीकर जदयू का होता था, जबकि 2020 के बाद से यह पद भाजपा संभाल रही है।

विभागों के बंटवारे पर खिंचतान

सूत्रों के मुताबिक जदयू नेताओं ने मंत्रियों की सूची के साथ विभागों का ब्योरा भी शाह को सौंपा था। लेकिन कई बड़े विभागों को लेकर मतभेद हैं। नीतीश कुमार के पास फिलहाल ऊर्जा, गृह, ग्रामीण कार्य, ग्रामीण विकास और शिक्षा जैसे बड़े बजट वाले विभाग हैं। भाजपा के पास प्रमुख विभागों में स्वास्थ्य और पंचायती राज ही हैं। बताया जा रहा है कि बीजेपी विभागों के पुनर्वितरण की मांग कर रही है, मगर नीतीश इसके पक्ष में नहीं हैं। बैठक से जुड़े सूत्रों के मुताबिक नए कैबिनेट में सभी प्रमुख जातियों के विजेता नेताओं को प्रतिनिधित्व देने पर सहमति बनती दिख रही है। हालांकि कितने मंत्री किस पार्टी कोटे से होंगे, इसे लेकर अभी चुप्पी बनी हुई है।

JDU में बड़े बदलाव की गुंजाइश कम

पिछली सरकार में जदयू कोटे से 13 मंत्री थे, जिनमें से करीब 10 को फिर मौका दिया जा सकता है। पार्टी बड़े फेरबदल के मूड में नहीं है। वहीं बीजेपी में डिप्टी सीएम बदले जा सकते हैं। भाजपा कोटे से पिछले कार्यकाल में 19 मंत्री थे। इस बार बड़े बदलाव की चर्चा है। डिप्टी सीएम विजय सिन्हा को बदला जा सकता है। सम्राट चौधरी भी हट सकते हैं, लेकिन वे अभी भी डिप्टी सीएम की रेस में बने हुए हैं। HAM से संतोष मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा भी मंत्री बन सकती हैं। LJP(R) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। इसके अलावा संजय पासवान और संजय सिंह के नाम भी संभावित मंत्रियों की सूची में शामिल बताए जा रहे हैं।

JDU-BJP के ये मंत्री हो सकते हैं रिपीट

जदयू के विजय चौधरी, बिजेंद्र यादव, श्रवण कुमार, अशोक चौधरी, लेसी सिंह, जमा खान, मदन सहनी, जयंत राज, महेश्वर हजारी, उमेश कुशवाहा, संतोष निराला, शालिनी मिश्रा, मंजीत सिंह और बुलो मंडल दोबारा मंत्री बन सकते हैं।  बीजेपी की बात करें तो बीजेपी से सम्राट चौधरी, नितिन नवीन, मंगल पांडे, मनोज शर्मा, रजनीश कुमार, रमा निषाद, रेणु देवी और नीतीश मिश्रा को एक बार फिर मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।