Bihar AQI: पटना की हवा में थोड़ा सुधार, हाजीपुर सबसे प्रदूषित, जानें आपके शहर का AQI
Bihar AQI: पटना और बिहार के कई जिलों में वायु गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में दर्ज हुई। पछुआ हवा से थोड़ी राहत मिली है, लेकिन हाजीपुर का AQI सबसे अधिक 195 रहा।
Bihar AQI: बिहार के कई शहरों में मंगलवार (2 दिसंबर 2025) को हवा की स्थिति अलग–अलग रही। हाजीपुर में प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक दर्ज किया गया, जहां AQI 195 के करीब पहुंच गया। यह स्थिति मध्यम प्रदूषण और खराब वायु के बीच की सीमा पर मानी जाती है। इसके विपरीत छपरा में हवा सबसे साफ रही और यहां AQI सिर्फ 53 दर्ज किया गया।
सर्दी बढ़ते ही क्यों बढ़ जाता है धुंध और प्रदूषण?
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि ठंड का मौसम प्रदूषण को और खतरनाक बना देता है। तापमान कम होने पर हवा भारी होकर जमीन के पास ठहर जाती है, जिससे हवा में मौजूद कण ऊपर नहीं उठ पाते। यही कण कोहरे के साथ मिलकर जहरीली धुंध बना देते हैं। बिहार की मिट्टी हल्की होने के कारण हवा में धूल अधिक उड़ती है और निर्माण कार्य या सूखी सड़कों से ये कण और बढ़ जाते हैं।
धूलकण बने बड़ी समस्या, पानी का छिड़काव है समाधान
पश्चिम दिशा से आने वाली हवाओं में धूल की मात्रा सामान्य दिनों की तुलना में अधिक रहती है। इसलिए शहर के कई इलाकों में हवा भारी और धूलभरी लगती है। विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित पानी छिड़काव से वायु प्रदूषण में अच्छी कमी आ सकती है।
पटना के प्रमुख इलाकों की वायु गुणवत्ता
तारामंडल की हवा मंगलवार को राहत देने वाली रही, जबकि मुरादपुर, राजवंशी नगर और समनपुरा जैसे इलाकों में हवा अभी भी प्रदूषित पाई गई। समनपुरा का स्तर सबसे ज्यादा चिंताजनक रहा।
बिहार के शहरों में मिश्रित तस्वीर
हाजीपुर, अररिया, बेतिया और मुजफ्फरपुर जैसे शहरों में वायु की स्थिति खराब दिखी। वहीं गया, राजगीर, समस्तीपुर और सिवान जैसे शहरों में हवा अपेक्षाकृत साफ रही। छपरा की हवा सबसे बेहतर दर्ज हुई, जिससे यहां के लोगों ने राहत महसूस की।
AQI की श्रेणियां क्या बताती हैं?
वायु गुणवत्ता सूचकांक 0 से 50 के बीच हो तो हवा को अच्छा कहा जाता है। 100 तक की हवा संतोषजनक होती है, जबकि 101 से 200 के बीच प्रदूषण का स्तर मध्यम माना जाता है। इससे ऊपर हवा खराब होती जाती है और 400 से ऊपर पहुंचने पर यह स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है।